अमजद खान समेत इंडस्ट्री के इन 11 विलेंस की ये फिल्में और डायलॉग रहेंगे यादगार
अमजद खान
बॉलीवुड के गब्बर यानी अमजद खान। अमजद खान को उनकी कल्ट क्लासिक बॉलीवुड फिल्म 'शोले' के लिए खासतौर पर जाना जाता है। फिल्म में इन्होंने डाकुओं के सरदार का जबरदस्त निगेटिव रोल निभाया। फिल्म में इनके कई डायलॉग्स को आज तक बच्चा-बच्चा दोहराता है। ये डायलॉग्स थे - 'सुअर के बच्चों। ', 'ये रामगढ़ वाले अपनी बेटियों को कौन सी चक्की का आटा खिलाते हैं।', 'होली कब है, कब है होली।', 'तेरा क्या होगा कालिया।', 'अब गोली खा।', 'बहुत याराना लगता है।', 'जो डर गया, वो मर गया।', 'अरे, ओ सांबा', 'गब्बर के ताप से तुम्हे एक ही आदमी बचा सकता है, एक ही आदमी और वो है खुद गब्बर।', 'ये हाथ हमको दे दे ठाकुर।', 'कितने आदमी थे।
अमरीश पुरी
बॉलीवुड के अगले जबरदस्त विलेन अमरीश पुरी। इनको लोग 'मोगैंबो' के नाम से भी जानते हैं। निगेटिव रोल में इनकी यादगार फिल्में हैं 'मिस्टर इंडिया', 'दामिनी', 'घायल', 'मेरी जंग', 'राम लखन'। इनका ऑल टाइम यादगार डायलॉग है - 'मोगैंबो खुश हुआ...'।
डैनी
बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि फिल्म 'शोले' के लिए अमजद खान से पहले डैनी को चुना गया था। डैनी को इनके नकारात्मक किरदारों में 'कांचा चीना' और 'कात्या' के नाम से ज्यादा जाना जाता है। इनकी यादगार फिल्मों में 'घातक', 'भगवान दादा', 'अग्निपथ' और 'क्रान्तिवीर' प्रमुख हैं। फिल्म में इनके डायलॉग 'हम हैं बख्तावर' को लोग आज भी दोहराते हैं।
शक्ति कपूर
वैसे इनके नाम को किसी तार्रुफ की जरूरत नहीं। शक्ति कपूर भी बॉलीवुड के बर्हुमुखी प्रतिभा वाले विलेन्स में से एक हैं। इनकी यादगार फिल्मों में 'चालबाज़', 'आंखें', 'मै खिलाड़ी तू अनाड़ी' 'गुंडा' और 'अंदाज अपना-अपना' खास रहीं।
अनुपम खेर
यूं तो अनुपम खेर को बॉलीवुड में उनकी फिल्म 'सारांश' के किरदार के लिए ज्यादा जाना जाता है। इसके अलावा इनकी यादगार फिल्मों में 'कर्मा', 'रूप की रानी, चोरों का राजा' और 'कहो न प्यार है' शामिल हैं।
नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन, बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं। इन्होंने कई फिल्मों में कई तरह के रोल निभाए। इसके बावजूद निगेटिव रोल में इनकी 'सरफरोश', 'द डर्टी पिक्चर', 'मोहरा' सरीखी फिल्मों को ज्यादा तवज्जोह दी जाती है।