213 अल्ट्रासाउंड सेंटर्स हैं जिले में

15 दिन का दिया गया है समय

-अल्ट्रासाउंड सेंटर्स पर लगाए जा रहे हैं ट्रैकर, भूण की जांच पर लगेगी रोक

PRAYAGRAJ: अल्ट्रासाउंड सेंटर्स अब मनमानी नहीं कर सकेंगे. उनकी एक-एक जांच का ब्यौरा अब स्वास्थ्य विभाग के पास होगा. अगर वह भ्रूण परीक्षण करेंगे तो उन्हें जेल जाना होगा. यह काम एक इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिए होगा. इस डिवाइस को अल्ट्रासाउंड सेंटर्स के मेन सर्किट पर लगा दिया जाएगा. इसका पूरा रिकार्ड स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध होगा. जिला प्रशासन ने इस काम को पूरा करने के लिए 15 दिन का समय दिया है.

अपराध रोकने के लिए उठाया कदम

लगातार भ्रूण परीक्षण की मिल रही शिकायतों पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. इसके पहले पीसीपीएनडीटी एक्ट के पालन के लिए बनाई गई कमेटी के परिणाम अच्छे नहीं होने पर अब ट्रैकर लगाने का फैसला लिया है. इस डिवाइस के जरिए प्रत्येक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर होने वाली जांच को ट्रेस किया जा सकेगा. इसकी शुरुआत सिविल लाइंस शकुंतला हॉस्पिटल ने कर दी है. जानकारी के मुताबिक यहां पर ट्रैकर लगा दिया गया है.

अन्य प्रदेशों में पहले से हो रहा पालन

इसके पहले मप्र और राजस्थान में अल्ट्रासाउंड सेंटर्स में ट्रैकर लगाए जा चुके हैं. वहां इसकी सफलता को देखते हुए यूपी के कुछ जिलों में इसका पालन कराया जा रहा है. अब स्थानीय जिला प्रशासन ने डिवाइस लगाने को हरी झंडी दे दी है. यह भी बता दें कि ट्रैकर लगाने का काम खुद सेंटर्स को करना होगा. इसका खर्च स्वास्थ्य विभाग नहीं देगा. जिले में कुल मिलाकर 213 सेंटर्स हैं और इन सभी को ट्रैकर लगाने की कड़ी हिदायत दे दी गई है.

वर्जन..

हमारी ओर से सभी अल्ट्रासाउंड सेंटर्स को ट्रैकर लगाने के निर्देश दिए गए हैं. सेंटर्स ने जल्द से जल्द आदेश का पालन करने का आश्वासन भी दिया है.

-डॉ एके तिवारी, एसीएमओ व नोडल पीसीपीएनडी

यह इलेक्ट्रानिक डिवाइस है और इसके जरिए भ्रूण परीक्षण जैसे संज्ञेय अपराध पर रोक लगाई जाएगी. जिला प्रशासन ने 15 दिन का समय दिया है और इसके भीतर सभी सेंटर्स में डिवाइस लगाकर प्रशासन को जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी.

-डॉ. मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज

Posted By: Vijay Pandey