- भारतीय लाइजन अफसर और आस्ट्रेलिया की महिला ट्रैकर की हुई पहचान

- पिथौरागढ़ में भरा गया पंचनामा, हल्द्वानी में होगा पोस्टमार्टम

PITHORAGARH: नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान एवलांच आने से लापता 7 ट्रैकर्स और एक भारतीय लाइजन अफसर में से सात शवों को वायु सेना के हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी पहुंचा दिया गया है। आठवें ट्रैकर का शव अभी भी बर्फ में ही दबा हुआ है। बरामद शवों में भारतीय लाइजन अफसर और आस्ट्रेलिया की महिला ट्रैकर की ही अभी शिनाख्त हो पाई है।

हेलीकॉप्टर से लाए गए शव

नंदा देवी ईस्ट अभियान में दस मई को इंग्लैंड, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के 12 ट्रैकर्स दिल्ली से नंदा देवी के लिए रवाना हुए। यह दल 13 मई को मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप को रवाना हुआ। दल में 12 टैकर, आईएमएफ का लाइजन अफसर और पोर्टर्स आदि मिलाकर 19 लोग मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप के लिए रवाना हुए। दल में शामिल एक इंग्लैंड निवासी ट्रैकर बीच मार्ग से तबीयत खराब होने पर वापस लौट गया। अभियान शुरू होने के बाद इंग्लैंड के चार ट्रैकर बेस कैंप में रहे। सात विदेशी टैकर टीम लीडर इंग्लैंड निवासी मार्टिन मोरिन, जान चार्लिस मैकनर्स, रिचर्ड प्याने, रू पर्ड वेवेल, यूएसए निवासी एंथोनी सूडेकम, रु नाल्ड विवेल और आस्ट्रेलिया निवासी महिला टैकर रू थ मैकेंस तथा भारतीय लाइजन अफसर चेतन पांडेय आरोहण को गए। इसी दौरान 26 मई को एवलांच आने से ये आठों टैकर लापता हो गए। जिसकी सूचना प्रशासन को भारतीय पर्वतारोहण संस्थान (आईएमएफ) से 31 मई को मिली। इसके बाद खोज एवं बचाव कार्य के लिए वायु सेना से मदद ली गई। हेलीकॉप्टरों द्वारा रेकी करने पर नंदा देवी में पांच शव नजर आए। इसी दौरान बेस कैंप में रुके और सुरक्षित मिले चार इंग्लैंड निवासी ट्रैकर्स को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ लाया गया। इसके बाद प्रशासन, आईटीबीपी, वायु सेना ने संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की रणनीति बनाई। आईटीबीपी के डीआईजी एपीएस निंबाडिया के संचालन में डेयर डेविल्स नाम से रेस्क्यू अभियान चला। रेस्क्यू दल को 14 मई को हेलीकॉप्टर से नंदा देवी बेस कैंप उतारा गया। रेस्क्यू दल ने 15 हजार फीट की ऊंचाई पर प्रथम कैंप, 17450 फीट की ऊंचाई पर कैंप द्वितीय बनाया। जहां से शवों को निकालने का कार्य किया गया। आठ में से सात शव मिले। मौसम अत्यधिक खराब रहने से आईटीबीपी ने आठवें शव की अलग से तलाश करने की बात कहते हुए ऑपरेशन रोक लिया। सात शवों को कैंप वन तक लाना चुनौती पूर्ण बना था। ट्यूजडे की सायं तक रेस्क्यू दल ने सभी सात शवों को 15 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचाया। वेडनसडे सुबह मौसम साफ होने पर वायु सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर नंदा देवी पहुंचे। जहां से शवों को एयरलिफ्ट कर मुनस्यारी पहुंचाया। तीन शिफ्टों में सात शव मुनस्यारी लाए गए। जहां से मिग-17 विमान से शवों को पिथौरागढ़ नैनी सैनी हवाई पट्टी लाया गया। नैनी सैनी हवाई पट्टी पर जिलाधिकारी डॉ। वीके जोगदंडे की मौजूदगी में पुलिस ने शवों का पंचनामा भरा गया। शवों में केवल दो की पहचान हो सकी। जिसमें उत्तराखंड के जिला अल्मोड़ा निवासी चेतन पांडेय और एकमात्र महिला होने के कारण आस्ट्रेलिया निवासी रू थ मेकें स की ही पहचान हो सकी। शवों को पोस्टमार्टम के लिए हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी भेज दिया गया है।

Posted By: Inextlive