क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ :सिटी में लगे कैमरे केवल ई चालान काटने में दुरुस्त हैं, लेकिन ट्रैफिक को स्मूथ रखने में पूरी तरह नाकाम हैं. जनता के भरे टैक्स से करोड़ों रुपए फूंककर इन कैमरों को इंस्टॉल किया गया, लेकिन जनता को लाभ पहुंचाने का कोई प्लान इन कैमरों की मदद से कारगर सिद्ध नहीं हो पा रहा. केवल ई चालान काटकर लोगों के घरों तक भेज दिया जा रहा है और राजस्व वसूली कर पुलिस अपनी पीठ ठोंक रही है. शहर में प्लान्ड इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान का बंटाधार हो गया है. राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. कोई ऐसी सड़क नहीं है जहां जाम न लग रहा हो. लोगों को जाम से प्रतिदिन होने वाली परेशानी बढ़ती ही जा रही है, लेकिन इससे निजात का कोई उपाय न तो हुक्मरानों के पास है, न ही लोगों के पास.

इन सड़कों पर रोज लग रहा जाम

रातू रोड में रवि स्टील से लेकर नागाबाबा खटाल, रणधीर वर्मा चौक, कचहरी चौक, जेल चौक, लालपुर चौक, कांटा टोली, बहुबाजार चौक तक भयंकर जाम का सामना लोगों को प्रतिदिन करना पड़ रहा है. अल्बर्ट एक्का चौक से लालपुर चौक, सर्जना चौक से डंगरा टोली चौक, कचहरी रोड, मेन रोड, चर्च रोड, रेडियम रोड आदि पर भी वाहन चालकों को जाम में फंसना पड़ रहा है.

लिंक रोड भी जाम के झाम में

शहर के लिंक रोड भी हर दिन जाम से जूझ रहे हैं. सड़कों की चौड़ाई दिनोंदिन कम होती जा रही है जबकि वाहनों का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. ट्रैफिक पुलिसकर्मी सभी चौक-चौराहों एवं प्रमुख मागरें पर तैनात रहते हैं लेकिन ट्रैफिक कंट्रोल उनके बूते से बाहर की बात है.

170 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे

शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए 170 स्थानों पर 60 करोड़ की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जनवरी 2018 में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए इंटिग्रेटेड टै्रफिक मैनेजमेंट सिस्टम प्लान लागू की जानी थी, लेकिन यह सिस्टम फाइलों में दब कर रह गया.

हाईटेक कैमरे हो रहे फेल

इन कैमरों में 61 एनपीआर कैमरे, जो गाड़ी की स्पीड के साथ ऑटोमेटिक नंबर प्लेट की पहचान करते हैं और 122 आरएलबीडी कैमरे रेड लाइट वायरलेस अंकों को डिटेक्ट करते हैं. इसके अतिरिक्त 441 सर्विलांस कैमरे अपराधियों पर नजर रखने के लिए लगाए गए. कुल 624 कैमरे राजधानी के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगाये गये जिनमें आधे से ज्यादा फेल होने के कगार पर हैं.

क्या था प्लान, क्या हुआ एक्शन

कागजों पर प्लान बनाया गया था कि इन कैमरों को सीधे कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा और जहां कहीं भी जाम की सूचना मिलेगी कंट्रोल रूम अलर्ट होकर वायरलेस पर मैसेज जारी करेगा. इस मैसेज की सूचना वरीय अधिकारियों तक भी रहेगी और सारी व्यवस्था ट्रैफिक स्मूथ करने का प्रयास करेगी. साथ ही साथ रोड एक्सीडेंट के स्पॉट पर इमीडिएट पुलिस पहुंचेगी. शहर की सफाई व्यवस्था की भी इन्हीं कैमरों से निगरानी की जानी थी, लेकिन इनमें ई चालान को छोड़कर अन्य कोई भी प्लान कारगर नहीं हुआ.

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वर्जन

शहर में लगे कैमरों की जांच कराई जा रही है और जो भी कैमरे बंद पाए जा रहे हैं, उनकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. कैमरों के संचालन से ट्रैफिक सिस्टम को स्मूथ करने की दिशा में कार्य चल रहा है, लेकिन लोगों को भी ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करना होगा.

अनीश गुप्ता, एसएसपी, रांची

Posted By: Prabhat Gopal Jha