-ताबड़तोड़ चालान से भी सबक नहीं ले रहे दूनाइट्स

-अभी भी ट्रैफिक रूल्स ब्रेक कर रहे वाहन चालक

DEHRADUN: हम नहीं सुधरेंगे। यह हाल है राजधानी में वाहन चलाने वालों का, जिन्हें सुधारने के लिए ताबड़तोड़ चालान की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा। खुद पुलिस के आंकड़े इस बात को साबित करते हैं। आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पिछले नौ माह में एक लाख से अधिक वाहनों के चालान काटे गए हैं, जिनसे राजस्व के रूप में करीब एक करोड़ रुपए हासिल हुए हैं। औसतन देखा जाए तो प्रतिदिन फ्म् हजार रुपए दूनाइट्स चालान के रुप में अदा कर रहे हैं, साफ है कि लोग ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने से परहेज कर रहे हैं।

ट्रैफिक रूल्स फॉलो करना जरूरी

दरअसल, राजधानी में बेलगाम हो रहे ट्रैफिक के लिए कुछ हद तक वाहन चालक भी जिम्मेदार हैं, जो ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर वाहन चला रहे हैं। कई मर्तबा इनकी वजह से दुर्घटनाएं घटित हो जाती है। ऐसे ही लोगों को सबक सिखाने क लिए टै्रफिक पुलिस के साथ सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू)को फील्ड में उतारा गया है। ताबड़तोड़ चालान की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इससे भी लोग सबक लेने को तैयार नहीं है।

नवंबर म्8म्9 फ्भ् भ्7भ्भ्00

दिसंबर 870फ् 77 7ब्0000

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ट्रैफिक पुलिस द्वारा काटे गए चालान

कुल चालान कोर्ट चालान सीज चस्पा चालान राजस्व

भ्क्क्ख्ख् क्7फ्98 भ्ब्7 ख्0709 ख्0ख्क्8भ्0

(नोट:- आंकड़े अप्रैल से दिसंबर माह के हैं)

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बाक्स:::

हेलमेट न पहनना बना शौक

राजधानी में बाइक चालकों के लिए हेलमेट न पहनना फैसन बन चुका है। आकंड़ो पर नजर डालें तो पिछले नौ माह में सीपीयू ने ख्8फ्9ख् चालान बिना हेमलेट पहनने वाले को काटे हैं। इसी तरह ट्रैफिक पुलिस ने 87भ्0 चालान बिना हेलमेट वाले काटे हैं। कुल चालानों की बात करें तो यह संख्या पिछले नौ माह में फ्7,क्ब्ख् है। ओसतन देखा जाए तो प्रतिदिन क्फ्भ् चालान बिना हेलमेट वाले काटे जाते हैं।

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कोड्स:::

घर से बिना हेलमेट पहनकर मार्केट आया था, नतीजा पुलिस ने बिना हेलमेट वाला चालान काट दिया। जिसे अदा करने के लिए ट्रैफिक ऑफिस आया हूं। भविष्य में इस तरह की गलती न हो इसका ध्यान रखूंगा।

कृष्ण कुमार

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ट्रैफिक रूल्स हमारी भलाई के लिए ही बनाए गए हैं। दुपाहिया वाहनों के लिए हेलमेट बेहद जरूरी है। मैं खुद हेमलेट पहनता हूं और लोगों को भी हेलमेट पहनने की सलाह देता हूं।

रघुराज सिंह

ऐसा नहीं है कि पुलिस बिना कारण के चालान काटे। मैं इस बात का समर्थन करता हूं कि पुलिस को बड़े स्तर पर चालान की कार्रवाई करनी चाहिए। यह ट्रैफिक सुधारने के लिए बेहद जरूरी है,

मोंटू चौधरी

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वर्जन:::

ट्रैफिक रूल्स जनता की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। सभी को इसका पालन करना चाहिए। लोगों से अपील है कि वे ट्रैफिक रूल्स के अनुरूप ही वाहन चलाएं। यह जितना पुलिस के लिए जरूरी है उतना ही आम पब्लिक के लिए जरूरी है।

प्रदीप राय, एसपी ट्रैफिक

मुहिम नहीं दिखा रही रंग

ऐसा नहीं है कि पुलिस चालान काटने की कार्रवाई ही कर रही हो, लोगों को ट्रैफिक रूल्स के बारे में भी अवेयर किया जा रहा है। इन दिनों सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत वाहन चालकों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी दी जा चुकी है। बच्चे भी ट्रैफिक रूल्स फॉलो करें इसके लिए स्कूलों में भी कैंपन चल रहे हैं। आम लोगों को भी ट्रैफिक रूल्स के पर्चे बांटे जा रहे हैं। बावजूद इस मुहिम का असर पड़ता कम ही नजर आता है।

प्रतिदिन होते हैं, फ्म् हजार के चालान

आंकड़ो पर नजर डालें तो सिटी में लोग ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने के बजाय चालान भरना उचित समझ रहे हैं। तभी तो चालान के आंकड़े दिनों-दिन बढ़ते जा रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो गत वर्ष अप्रैल से दिसंबर तक सीपीयू व ट्रैफिक पुलिस ने क्, ख्7, ब्ख्0 वाहनों के चालान काटे गए हैं, जिसमें अकेले सिटी पेट्रोल यूनिट ने 7म्,ख्98 चालान काटे हैं। शेष चालान ट्रैफिक पुलिस के हैं। कुल चालानों से महकमे को 99,8क्,क्भ्0 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। ओसतन देखा जाए तो हर रोज फ्म् हजार रुपए के चालान काटे जा रहे हैं। जो अब तक चालान के रूप में मिला सबसे बड़ा राजस्व है।

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सीपीयू द्वारा काटे गए चालान

माह कुल चालान सीज कुल राजस्व

अप्रैल क्ख्77म् 9ख् क्फ्क्9ख्00

मई क्0क्ब्फ् क्8 क्भ्फ्फ्भ्भ्0

जून 80भ्म् फ्फ् क्0ब्क्म्00

जुलाई भ्8भ्9 7क् फ्फ्8फ्00

अगस्त 7ब्ख्9 99 म्77ख्00

सितंबर 9क्7म् 8भ् 9फ्08भ्0

अक्टूबर 7ख्87 फ्ब् 80फ्क्00

Posted By: Inextlive