दो स्टेशनों के बीच में हो चुकी हैं दर्जनों घटनाएं

शातिरों की कुंडली खंगालने में जुटी जीआरपी

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PRATAPGARH : जीआरपी ही नहीं ट्रेन यात्रियों के लिए भी चिलबिला से अमेठी के बीच का सफर खतरों से भरा है। इन दो स्टेशनों के बीच में शातिर चोरों व लुटेरों की तगड़ी दखल है। अब तक दर्जनों घटनाओं को शातिर अंजाम दे चुके हैं। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जीआरपी सक्रिय हो गई है। ऐसे शातिरों का चुराग लगाने की मुहिम शुरू हो गई है जो घटनाओं केा अंजाम देते हैं। इन दिनों ट्रेनों में जहरखुरानी की घटनाएं खूब हो रही है। जीआरपी के जिम्मेदारों ने ऐसे शातिरों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है। कुछ वर्ष पहले ही चिलबिला व अमेठी के बीच के स्टेशन पर काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस में शातिरों ने कई मुसाफिरों को असलहे के दम पर लूट लिया था। उस वक्त यह मामला काफी हाईलाइट हुआ था। आए दिन जहरखुरानों के शिकार भी इसी क्षेत्र में अधिक मिल रहे हैं। जीआरपी चिलबिला से लेकर अमेठी के बीच के स्टेशनों को डेंजर जोन मानती है।

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सुनसान वाले स्टेशन है डेंजर जोन

बता दें कि सुनसान वाले स्टेशनों को जीआरपी डेंजर जोन मानती है। ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि इन स्टेशनों पर वारदात करके शातिर आराम से फरार हो जाते है। करीब तीन साल पहले ही जीआरपी के जिम्मेदारों ने जिले के आधा दर्जन छोटे स्टेशनों को डेंजर जोन का नाम दिया था।

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सुरक्षा की कमी से होते हैं अपराध

ट्रेनों में आए दिन अपराध की घटनाएं हो रही हैं। इसके पीछे सुरक्षा बल की लापरवाही ही सामने आ रही है बतादें कि ट्रेनों में तो यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्कार्ट चलता है लेकिन छोटे स्टेशनों पर सुरक्षा की कमी का लाभ शातिर आसानी से उठा रहे हैं। इससे यात्रियों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।

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क्या कहते हैं अधिकारी

इस बारे में जीआरपी एसआई राहुल द्विवेदी ने बताया कि डेंजर जोन इलाकों में रहने वाले शातिरों पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही धरपकड़ अभियान चलाने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही कई क्षेत्रीय अपराधियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

Posted By: Inextlive