ट्रकों ने रौंद डाली करोड़ों की सड़क
-दो माह पहले बनी रथयात्रा महमूरगंज सड़क हुई खराब
-सिगरा महमूरगंज मार्ग पर भी नहीं हो रहा काम -सरकारी खजाने को लुटवाने में लगे हैं जिम्मेदार प्रदेश सरकार स्मार्ट सिटी बनारस को चमकाने के लिए यहां की सड़कों पर करोड़ों रूपए खर्च कर रही है। लेकिन यहां विभागीय लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के चलते करोड़ों रूपए से बन रहीं सड़कें पानी में बह रही रही है। यकीन न हो तो खुद जाकर देख लीजिए। पीडब्ल्यूडी ने दो माह पहले रथयात्रा महमूरगंज की सड़क को बेहद शानदार बनवाया था, लेकिन ट्रकों की तेज रफ्तार और बड़ी गाडि़यों के लोड की वजह से ये रोड दो माह में ही टूटकर पानी में बहने लगा है। इससे न सिर्फ राहगीरों को समस्या झेलनी पड़ रही है, बल्कि सरकारी राजस्व पर भी पानी फिर रहा है। आकाशवाणी के पास रोड पर पोलाकरीब दो किलोमीटर लंबे इस सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। सबसे खराब हालत आकाशवाणी के पास की है। यहां सीवर का पाइपलाइन फट जाने से सड़क में पोला हो गया है जिसकी वजह से यहां लगातार जाम लग रहा है। वहीं मंडुआडीह फ्लाईओवर के पास भी सड़क के कई हिस्से खराब हो गए हैं। बताया जाता है कि इस रोड को इस साल तीन बार बनाया गया है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि जो सड़क साल में तीन बार बनी वहां ऐसी क्या समस्या है जो समय से पहले उखड़ने लगता है।
ठेकेदारों का चल रहा खेल सूत्रों की मानें तो सड़क बनाने वाले ठेकेदार सड़क बनाने में बड़ा खेल कर रहे हैं। ये ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में घटिया काम कर रहे हैं। अगर कम समय में सड़क खराब होगा तभी इन्हें दोबारा ठेका मिलेगा। इन सब के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इनके काम पर नहीं है। सड़क बनने के बाद कभी भी कोई अधिकारी इसकी जांच करने नहीं जाता। सिगरा महमूरगंज रोड भी अधूरासिगरा महमूरगंज रोड की हालत भी बेहद खराब है। इस रोड पर सीवर लाइन डालने के लिए पिछले करीब एक साल से काम हो रहा था। पिछले दिनों एनआरआई सम्मेलन के मद्देनजर किसी तरह आनन-फानन में काम पूरा कराकर सड़क बनाया गया, लेकिन अभी भी आधा किलोमीटर की सड़कें वैसी ही हालत में छूटी हुई है। अब अधिकारियों का कहना है कि यहां अभी सीवर का काम दोबारा से शुरु होना है। इसमें बनी हुई सड़क का कुछ हिस्सा भी फिर तोड़ा जाएगा। इसका मतलब यहां भी लाखों का नुकसान होगा।
अन्य विभाग बढ़ाते हैं परेशानी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि वे जब भी सड़क बनवाकर फ्री होते हैं तभी कभी बिजली विभाग तो कभी जलकल आकर सड़क तोड़ देते हैं। सड़कों के नीचे से जा रही सीवर लाइन इतनी पुरानी है कि ट्रक और बड़ी गाडि़यों के दबाव से फट जाती है, जिसकी वजह से सड़कें समय से पहले खराब हो जाती हैं। 03 करोड़ रूपए के करीब खर्च हो चुके है इस साल रथयात्रा महमूरगंज की सड़क पर 10 लाख के करीब का नुकसान सिर्फ आकाशवाणी एरिया में सड़क धंसने से ------ आकाशवाणी रोड पर सीवर लाइन का पानी बहने से सड़क खराब हुई है। इसके लिए 10 दिन पहले ही जलकल को ठीक कराने के लिए बोला गया था। ज्ञान प्रकाश पांडेय, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी