- बिना लाइसेंस व्हीकल दौड़ा रहे 75 प्रतिशत दूनाइट्स

- वाहन के मुकाबले लाइसेंस एक चौथाई भी नहीं

- मोटर व्हीकल एक्ट की खुलकर उड़ा रहे धज्जियां

देहरादून,

दून में 750 परसेंट से अधिक लोग विदआउट ड्राइविंग लाईसेंस वाहन चला रहे हैं. यह चौंकाने वाला खुलासा आरटीओ के आंकड़े से हुआ है. दून में साढ़े 9.67 लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं, जबकि ड्राइविंग लाइसेंस सिर्फ 2 लाख. ऐसे में परिवहन विभाग पर बड़ा सवाल यह है कि विदआउट ड्राइविंग लाइसेंस इतनी बड़ी संख्या में वाहन किसकी लापरवाही से सड़कों पर दौड़ रहे हैं. इससे भी हैरान करने वाली बात यह है कि दून की जितनी आबादी है, वाहनों की संख्या उससे थोड़ी ही पीछे है. वाहनों का रजिस्ट्रेशन अगर इसी तरह बढ़ता रहा तो कुछ ही महीनों में यह आबादी के भी पार निकल जाएगा.

सबसे ज्यादा चालान बिना लाइसेंस वालों के

वाहन की तुलना में एक चौथाई से भी कम ड्राइविंग लाइसेंस सड़क हादसों के लिए भी जिम्मेदार है. यही नहीं ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग ने सबसे अधिक चालान भी विदआउट लाइसेंस वालों के किए हैं. लेकिन हालत यह है कि मामूली जुर्माना भरकर लोग बिना दून की सड़क पर बिना लाइसेंस वाहन दौड़ा कर दूसरों की ही नहीं खुद की भी जान खतरे में डाल रहे हैं. दून आरटीओ में एक मार्च 2019 तक 9.67 लाख वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं. इनमें सबसे अधिक संख्या टू व्हीलर की है. करीब 6 लाख टू व्हीलर दून में रजिस्टर्ड हैं. इसकी तुलना में ड्राइविंग लाइसेंस सिर्फ 2 लाख हैं. 1.67 लाख डीएल ऑनलाइन हो चुके हैं. जबकि 33 हजार डीएल अभी ऑफलाइन हैं.

वाहन अधिक और डीएल कम कैसे ?

इस सवाल पर परिवहन विभाग का तर्क है कि कई लोग एक से अधिक वाहन खरीदते हैं. साथ ही वाहन के रजिस्ट्रेशन की मियाद 15 वर्ष और डीएल की मियाद औसतन 30 वर्ष होती है. ऐसे में वाहनों की संख्या दोगुना तक हो सकती हैं. असल में आरटीओ का यह तर्क बचकाना है. अधिकतर परिवार ऐसे हैं, जिनमें एक व्हीकल को दो लोग या उससे अधिक लोग भी चलाते हैं. मसलन एक कार को परिवार में तीन तीन सदस्य तक चलाते हैं. एक वाहन और दो कार चालक तो अधिकतर परिवारों में होते ही हैं, ऐसे में वाहनों की दो दो वाहन रखने के शौक वाला तर्क एक परिवार में एक से अधिक लोगों के ड्राइव करने वाले फैक्ट से खारिज हो जाती है.

सबसे अधिक चालान विदआउट लाईसेंस

परिवहन विभाग की ओर से हाल ही में ट्रैफिक रूल्स का वायलेशन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियान चलाया गया था, आठ दिन में 300 वाहनों पर कार्रवाई की गई. जिसमें से सबसे अधिक 65 चालान बिना ड्राइविंग लाइसेंस वालों के किए गए. विदआउट हेलमेट 56 चालान थे. ऐसे में दैनिक जागरण आई नेस्क्ट ने आरटीओ दून आरटीओ से व्हीकल रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या पूछी तो यह बड़ा खुलासा हुआ.

लोग नहीं हो रहे अवेयर

रोड सेफ्टी को लेकर ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग समय - समय पर अवेयरनेस अभियान भी चलाता है. बावजूद दूनाइट्स सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा चालान बिना डीएल के किए जाते हैं. वहीं परिवहन विभाग का कहना है कि वाहन चलाने वाले के पास ड्राइविंग से पहले लाइसेंस होना जरूरी है.

ऑटोमोबाइल कंपनियां और आरटीओ जिम्मेदार:

मार्केटिंग की अंधी दौड़ में ऑटोमोबाइल कंपनियां धड़ाधड़ा वाहन बेच रही है. वाहन बेचने से पहले ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं पूछती. दूसरी तरफ आरटीओ भी टैक्स के चक्कर में धड़ाधड़ रजिस्ट्रेशन कर रहा है. होना यह चाहिए कि वाहन बेचने से पहले मोटर व्हीकल ऐजेंसी को खरीददार अथवा उसके परिवार के सदस्य का डीएल चेक करना चाहिए. जिस व्यक्ति के पास डीएल है, उसके नाम दो से अधिक वाहन रजिस्टर्ड ही नहीं करने चाहिए.

बिना डीएल के वाहन चलाना कितना खतरनाक

परिवहन विभाग का कहना है कि बिना डीएल के वाहन चलाना सबसे बड़ा अपराध है. यदि कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के वाहन चलाता है और सड़क पर किसी तरह का हादसा करता है. तो उसमें सजा और जुर्माना दोनों ही है.

ऐसे किया जा सकता समाधान

परिवहन विभाग में वाहन के रजिस्ट्रेशन के वक्त लाइसेंस भी चेक किया जाना चाहिए. यदि किसी वाहन मालिक के पास लाइसेंस पाया जाता है, तो उसके वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाना चाहिए. जिससे कोई भी व्यक्ति मोटर व्हीकल एक्ट का उलंघन नहीं करेगा.

----------------

विभाग की ओर से समय - समय पर अवेयरनेस किया जाता है. बावजूद लोग लाइसेंस बनाने के लिए तैयार नहीं है. बिना लाइसेंस के वाहन चलाना अपने आप में सबसे बड़ा अपराध है.

अरविन्द पांडे, एआरटीओ (प्रवर्तन), देहरादून

-----------------

- पॉपुलेशन - 10 लाख

- व्हीकल- 9.67 लाख

- लाइसेंस- 2 लाख (ऑनलाइन - 1.67 लाख)( ऑफलाइन - 33 हजार)

पिछले माह ही लाइसेंस से ढाई गुना व्हीकल रजिस्ट्रेशन:

दून आरटीओ में मार्च 2019 में 4,823 वाहन रजिस्ट्रर्ड हुए. जबकि लाइसेंस 1830 ही लोगों ने बनवाए.ऐसे में आंकड़े ने इस बात की पुष्टि करते हैं कि लोगों को वाहन खरीदने में तो इंटरेस्ट है, लेकिन लाइसेंस बनवाने में नहीं. पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से नियम कानून तोड़ने वालों के खिलाफ जमकर कार्रवाई भी की जा रही है, लेकिन शहरवासी सुधरने को तैयार नहीं है.

मार्च में लाइसेंस से करीब 4 गुना रजिस्ट्रेशन

- व्हीकल रजिस्ट्रेशन - 4, 823

- लाइसेंस बने - 1, 830

Posted By: Ravi Pal