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-गंभीर हाल मरीजों को नहीं किया जाएगा लखनऊ रेफर

-शासन ने अपॉइंट किए डॉक्टर्स, अब स्टाफ का अप्रूवल मिलना बाकी

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: कुंभ से पहले गंभीर मरीजों के लिए एक और सुविधा की शुरूआत होने जा रही है। बेली हॉस्पिटल में लंबे इंतजार के बाद ट्रॉमा सेंटर शुरू होने जा रहा है। इसमें एक्सीडेंटल समेत दूसरे गंभीर मरीजों का इलाज हो सकेगा। ऐसे में मरीजों को इमरजेंसी में लखनऊ नहीं जाना होगा। इसकी बिल्डिंग कार्यदायी संस्था ने हॉस्पिटल को हैंडओवर कर दी है और यहां जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है।

एक दर्जन डॉक्टर, 24 घंटे एडमिशन

फिलहाल गंभीर मरीजों को इलाज के अभाव में सीधे लखनऊ पीजीआई रेफर कर दिया जाता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। उनके इलाज के लिए बेली हॉस्पिटल में ट्रामा सेंटर बनकर तैयार हो चुका है। इसकी बिल्डिंग कार्यदायी संस्था ने हॉस्पिटल प्रशासन को सौंप दी है। इस सेंटर में एक दर्जन डॉक्टर की तैनाती होगी जो शिफ्टवाइज 24 आवर्स मरीजों को सेवाएं देंगे। फिलहाल हॉस्पिटल प्रशासन ने उपकरण खरीदी और स्टाफ के अपॉइंटमेंट के लिए शासन से अप्रूवल मांगा है जो जल्द ही मिलने जा रहा है।

इतने होंगे डॉक्टर

12 कुल डॉक्टर्स की संख्या-

03 आर्थोपेडिक सर्जन

04 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर

03 सर्जन

01 रेडियोलाजिस्ट

शासन ने कर दी है इनकी तैनाती

डॉ। पीएल वर्मा, डॉ। अजय राजपाल सहित दो एनेस्थेटिस्ट।

उपलब्ध हैं सभी प्रकार की जांच

एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे सहित तमाम जरूरी जांच होंगी उपलब्ध।

निराशा से मिलेगी आजादी

वर्तमान में गंभीर मामलों को तत्काल पीजीआई रेफर किया जाता है। वहां तक पहुंचने में मरीज अधिक गंभीर हो जाता है। कुछ दिन पहले एसआरएन हॉस्पिटल में ट्रामा सेंटर का उदघाटन जरूर हुआ लेकिन इसकी फंक्शनिंग ने मरीजों व परिजनों को निराश ही किया है। ऐसे में बेली हॉस्पिटल में नया सेंटर खुलना ऐसे मरीजों के लिए आशा की किरण से कम नही है।

एक नजर में ट्रामा सेंटर

-गंभीर मरीजों को 24 घंटे एडमिट करने की सुविधा।

-डॉक्टरों की शिफ्टवाइज ड्यूटी लगाई जाएगी।

-सीरियस मामलों में इमरजेंसी सर्जरी की सुविधा होगी।

-शुरुआत में हेड इंजरी को छोड़कर आर्थोपेडिक सर्जरी की जाएगी।

-ट्रॉमा सेंटर पूरी तरह से एयर कंडीशंड है।

-इलाहाबाद सहित आसपास के जिलों के मरीजों को मिलेगा इलाज।

ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग बन चुकी है। अब इसे शुरू होने में अधिक देर नहीं है। महज एक से दो माह में गंभीर मरीजों को इलाज की सुविधा उपलब्ध होने लगेगी। बस सरकार से स्टाफ की तैनाती संबंधी अप्रूवल मिल जाए।

-डॉ। एमके अखौरी, प्रभारी सीएमएस, बेली हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive