RANCHI: राज्य के हाई स्कूलों में अब ट्राइबल टूरिज्म की क्लासेज ली जाएंगी। स्पेशल क्लासेज कीतर्ज पर चलाई जाने वाली इस पाठशाला में बच्चों को झारखंड की सभ्यता, संस्कृति, परम्पराओं समेत स्टेट के हर जिले की विशेषताओं का के बारे में पढ़ाया जाएगा। फ‌र्स्ट फेज में सरकारी स्कूलों में इस पढ़ाई को शुरू किया जाएगा, उसके बाद प्राइवेट स्कूलों में भी अनिवार्य रूप से इसकी व्यवस्था की जाएगी। इन क्लासेज के जरिए स्टूडेंट्स को झारखंड की समस्याओं और उसके निदान पर फोकस करने वाले कारणों की विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इस संबंध में पर्यटन विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समन्वय से क्लासेज के प्रारूप तय किए जा रहे हैं। साथ ही उनमें दी जाने वाली आवश्यक जानकारियों को क्रमबद्ध तरीके से पढ़ाने की तैयारी है। इस पढ़ाई से स्टूडेंट्स को अपने राज्य के संबंध में हर जरूरी जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही हर जिले की विशेषताओं और वहां की समस्याओं से भी रूबरू होंगे।

टूरिस्ट स्पॉट को जानेंगे स्टूडेंट्स

ट्राइबल टूरिज्म की पढ़ाई में स्टूडेंट्स को राज्य के टूरिस्ट स्पॉट की भी विशेष तौर पर जानकारियां दी जाएंगी। राज्य में पर्यटन का विशाल क्षेत्र है। साथ ही पूरे देश से लोग आज झारखंड में मात्र पर्यटन के उद्देश्य से आ रहे हैं। ऐसे में राज्य के पर्यटन स्थलों की जानकारी यहां के होनहारों को रहे यह जरूरी है।

क्लास में बैठे-बैठे स्टेट टूर

विभाग का प्रयास है कि इन क्लासेज को स्मार्ट क्लासेज की तर्ज पर चलाया जाए। विडियो स्क्रीन पर पूरे राज्य की विशेषताओं को दर्शाया जाएगा, जिससे बच्चे क्लास में बैठे-बैठे ही पूरे राज्य का भ्रमण कर पाएंगे। बच्चों को इस नई तकनीक से जानकारियां मिलना उनके लिए भी काफी रोचक होंगी।

भविष्य की पढाई का बनेगा आधार

ट्राइबल टूरिज्म की विस्तार से जानकारी प्राप्त स्टूडेंट्स को अपने भविष्य की पढ़ाई का भी बेहतर आधार मिलेगा। वह किस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, क्या काम करना चाहते हैं इसके लिए इस पढ़ाई का विशेष योगदान रहेगा। इसके जरिए स्टूडेंट अपना प्रोफेशन और पैशन को मैच करते हुए राज्य हित में काम करने का विकल्प चुन पाएंगे।

वर्जन

फ‌र्स्ट फेज में बच्चों को ट्राइबल टूरिज्म की पढ़ाई कराने का प्लान किया जा रहा है। इसके बाद राज्य से संबंधित अन्य आवश्यक जानकारियों के समावेश वाले विषयों पर समय-समय पर क्लासेज चलाई जाएंगी। बच्चों को इन क्लासेज से जहां एक तरफ राज्य को भली प्रकार से समझने का अवसर मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ राज्य की जनता और परम्पराओं से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा।

शिवेन्द्र कुमार, डीएसई, रांची

Posted By: Inextlive