- मंगलवार को पहुंचा शहीद का घर पर शव

- सेना व पुलिस के अधिकारियों ने दिया कंधा

- शव को देख आंसू नहीं रोक पाए परिजन

Meerut: असम में उग्रवादी हमले में शहीद हुए सूबेदार रामेश्वर का शव मंगलवार सुबह उनकी कृष्णा कॉलोनी पहुंचा। सेना व पुलिस अधिकारियों ने शहीद के शव को तिरंगे से लपेटकर सम्मान दिया। सूबेदार को सलामी देने के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

क्या था मामला

कृष्णा कॉलोनी के रहने वाले सूबेदार रामेश्वर प्रसाद असम में बारह असम राइफल में तैनात थे। बीते शनिवार की रात उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान रामेश्वर प्रसाद गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उपचार के दौरान रामेश्वर की मौत हो गई थी। सोमवार को सूबेदार भरत सिंह शहीद रामेश्वर के शव को लेकर गुवाहाटी से कंकरखेड़ा के लिए निकले।

गार्ड ऑफ ऑनर

मंगलवार को शव मेरठ पहुंचने के बाद कॉलोनी के लोगों का शहीद के घर तांता लग गया। पत्‍‌नी रुकमा देवी व बेटी सरिता, बेटे भास्कर व सुनील का रो-रोकर बुरा हाल था। बेटा भास्कर भी शहीद पिता के शव को देखकर बेहोश हो गया। लोगों ने परिजनों को सांत्वना दी। तिरंगे में शहीद के शव को लपेट कर सूरजकुंड पर ले जाया गया। सेना व पुलिस के अधिकारियों ने शहीद को सलामी दी और उनके शव का अंतिम संस्कार किया गया।

कैंट विधायक को रोका

विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल शहीद क घर पहुंचे तो उनको देखकर लोगों का गुस्सा फूट गया। विधायक के खिलाफ नारे भी लग गए। जिसके बाद विधायक को शव के पास जाने से रोक दिया। निवासी संजय त्यागी, संजू दिपेश और मुकुल आदि लोगों का कहना है कि कैंट विधायक व मंत्री शाहिद मंजूर रामेश्वर के शहीद होने की जानकारी मिलने पर भी परिजनों को सांत्वना देने नहीं पहुंचे। सीओ ने इस दौरान लोगों को शांत कराया।

Posted By: Inextlive