देश में लंबे समय समय से तीन तलाक मामला काफी चर्चा में हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा असवैंधान‍िक करार हुए तीन तलाक पर केंद्र सरकार ने एक ब‍िल बनाया है। इस ब‍िल के पास होने के बाद मुस्‍ल‍िम मह‍िलाओं को एक साथ तीन तलाक से काफी राहत म‍िलने के आसार हैं। हालांक‍ि अब यह ब‍िल राजनीत‍ि में अटकता द‍िख रहा है। ऐसे में तीन तलाक ब‍िल को लेकर ये 5 मुस्‍लि‍म मह‍िलाएं भी काफी च‍िंत‍ित है। कोर्ट में लड़ने वाली इन मह‍िलाओं की नि‍गाहें अब नेताओं पर ट‍िकी हैं...


कोर्ट में लड़ने वाली महिलाएं अब चिंतिततीन तलाक के खिलाफ कोर्ट में आवाज उठाने वाली सायरा बानो, आफरीन रहमान, गुलशन परवीन, इशरत जहां और आतिया साबरी काफी काफी चिंतित हैं। ये वहीं 5 मुस्लिम महिलाएं हैं जिन्होंने तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इनकी वजह से ही देश में मुस्लिम महिलाओं को एक साथ मिलने वाले तीन तलाक से एक बड़ी राहत मिलने की उम्मीद दिखी। हाल ही में बीते साल तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट असंवैधानिक करार दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने महिला हितों को ध्यान में रखते हुए एक तीन तलाक बिल बनाया। तीन तलाक बिल की राहें कठिन दिख रहीं


इस बिल को बीते दिनों लोकसभा में ध्वनिमत से पास भी करा लिया है, लेकिन राज्यसभा में सरकार की राह मुश्किल होती जा रही है। बुधवार को सदन में बिल पेश होने के बाद कांग्रेस का रुख बदला दिखा। खास बात तो यह है कि कांग्रेस के अलावा भाजपा के सहयोगी दल भी इसका विरोध करते दिखे। बतादें कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा और राजद समेत करीब 17 पार्टियां इस तीन तलाक बिल को प्रवर समिति यानी कि सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग पर अड़े रहे। ऐसे में अब तीन तलाक बिल की राहें काफी कठिन दिख रही हैं। ये हैं वो 5 मुस्लिम महिलाएंसायरा बानोइस मामले में पहला नाम उत्तराखंड की सायरा बानो का है। सायरा चार बच्चों के साथ अपने ससुराल से मायके आयी थीं, तभी उनके पति ने फोन पर तीन बार तलाक कह कर डाक से तलाक नामा भेज दिया। ऐसे में सायरा अपने साथ हुए अन्याय पर चुप नहीं बैठीं। आफरीन रहमानइस मामले में दूसरा नाम जयपुर की रहने वाली आफरीन रहमान का है। आफरीन की शादी एक मैरिज पोर्टल के जरिए हुई थी। एक बार यह अपने मायके आई थीं तभी इनके पति ने स्पीड पोस्ट से तलाकनामा भेज दिया था। आफरीन ने सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया।  गुलशन परवीनतीसरी वादी उत्तर प्रदेश के रामपुर की गुलशन परवीन हैं। गुलशन के मायके आने पर उनके पति ने भी तलाकनामा भेज दिया था। गुलशन के इंकार पर पति ने रामपुर फेमिली कोर्ट से तलाकनामे के आधार पर तलाक मांग लिया। इसी फैसले को चुनौती देने गुलशन सुप्रीम कोर्ट में पहुंची थी। इशरत जहां

इस मामले में चौथा नाम पश्चिम बंगाल की रहने वाली इशरत जहां हैं। इशरत अपने चार बच्चों के साथ भारत में थी और उनके पति ने दुबई से फोन पर तलाक दे दिया था। ऐसे में इशरत ने तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठायी थी। आतिया साबरीतीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली पांचवी पिटीशनर सहारनपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली अतिया साबरी हैं। अतिया के पति ने उनके हाथों में तलाकनामा थमाया था। ऐसे में इन्होंने कानूनी आधारों पर तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठायी थी।

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Posted By: Shweta Mishra