देश में एक बार तीन तलाक का मामला फ‍िर चर्चा में है क्‍योंक‍ि 15 द‍िसंबर से संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर केंद्र की मोदी सरकार अंत‍िम मुहर लगाएगी। खबरों की माने तो तीन तलाक पर तीन साल की जेल हो सकती है। तीन तलाक से जुड़ी एक खास बात यह है क‍ि भारत में जहां इस पर सजा तय होने वाली है वहीं इसके पड़ोसी देशों में तो यह बैन है। आइए जानें इस तीन तलाक के बारे में और उन तीन पड़ोसी देशों के बारे में...


तीन तलाक पर तीन साल की जेल तलाक-ए-बिद्दत यानी कि तीन तलाक को लेकर पूरे देश की निगाहें कल संसद के शीतकालीन सत्र पर टिकी हैं। मोदी सरकार तीन तलाक को गैर-जमानती अपराध बनाने वाले बिल पर अपनी अंतिम मुहर लगा देगी। खबरों की मानें तो तीन तलाक पर बैन लगाने का प्रस्ताव व दोषी को तीन साल की कैद व जुर्माने की सजा का प्रावधान किया जा सकता है। एक साथ तीन तलाक वाली यह प्रथा करीब 1400 साल पुरानी है। ऐसे कोर्ट तक पंहुचा था ये मामला


2016 में उतराखंड की शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके तीन तलाकए हलाला निकाह और बहु-विवाह की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी। । बानो ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लीकेशन कानून 1937 की धारा 2 की संवैधानिकता को चुनौती दी है। कोर्ट में दाखिल याचिका में शायरा ने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं के हाथ बंधे होते हैं और उन पर तलाक की तलवार लटकती रहती है।बांग्लादेश भी इस केस में भारत से आगे

बांग्लादेश भी इस मामले में भारत से आगे है। यहां भी महिलाहितों को ध्यान में रखते हुए एक साथ तीन बार बोलकर लिया जाने वाला तलाक बैन है। यहां पर अगर किसी दंपत्ति को तलाक लेना भी है तो वह तलाक-ए-बिद्दत के तहत नहीं बल्कि एक पूरी प्रक्रिया निभाकर अलग होते हैं। बांग्लादेश में तलाक से पहले यूनियन काउंसिल के चेयरमैन को शादी खत्म करने से जुड़ा एक नोटिस देना अनिवार्य माना जाता है। समुद्र में दुश्मनों को पानी न मांगने देगी ये INS कलवारी, ऐसे शुरू हुआ था इंडियन नेवी का सबमरीन सफर

Posted By: Shweta Mishra