- त्रिवटीनाथ मंदिर में 75 फीट शिव और 30 फीट नन्दी की प्रतिमा लगाने के लिए कार्य शुरू

- कोटा मार्बल्स से बनेगी प्रतिमा, सौंदर्यीकरण के दौरान प्रतिमा बनाने का लिया गया था निर्णय

>BAREILLY:

करीब 6 सौ वर्षो पूर्व तीन वट वृक्षों की छाया तले स्वयंभू शिव लिंग प्रकट होने से त्रिवटीनाथ नाम से प्रसिद्ध मंदिर के सौंदर्यीकरण की पहल शुरू हो गई है। दो माह पूर्व शुरू हुए सौदर्यीकरण में अब मंदिर कमेटी ने विशालकाय शिव और नन्दी प्रतिमा को लगवाने का फैसला किया है। मुख्य मंदिर परिसर में नन्दी और मेन गेट के पास शिव की विशाल प्रतिमा लगवाने के लिए फाउंडेशन बनाने का कार्य शुरू हो गया है। कमेटी के संजीव ने बताया कि त्रिवटीनाथ मंदिर को दर्शनीय स्थल बनाने के लिए योजना बनी है। ताकि पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के मंदिर को सौंदर्यीकरण कर दर्शनीय स्थल भी बनाया जा सके।

पत्थरों से बनेंगी प्रतिमा

त्रिवटीनाथ मंदिर के आगे और पीछे की ओर बनाए जाने वाले शिव और नन्दी की प्रतिमाएं कोटा की सफेद मार्बल्स से बनाए जाने की योजना है। विशालकाय प्रतिमाओं की स्थापना के लिए जोरों से काम मंदिर परिसर में चल रहा है। मंदिर के ऊपर बनाए गए समाधि की मुद्रा में बैठे शिव प्रतिमा के बजाय इस प्रतिमा में भगवान शिव खड़े होंगे। जिसकी ऊंचाई करीब 75 फीट होगी। नंदी की प्रतिमा बैठे मुद्रा में होगी जिसकी ऊंचाई तकरीबन 30 फीट होगी। कमेटी मेंबर्स का मानना है कि विशाल प्रतिमाओं के लगाने से श्रद्धालु काफी दूर से ही भगवान के दर्शन का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, यह एक दर्शनीय स्थल भी बन जाएगा।

सावन में होगा अनावरण

प्रतिमा को बनाने का कार्य दान दाताओं की ओर से कोष में जमा राशि से हो रहा है। कमेटी सचिव संजीव के मुताबिक मंदिर के निर्माण के कई भागों में काम पूरा किया जा चुका है। वर्ष 2016 की शिवरात्रि तक नन्दी और सावन में शिव की प्रतिमा लगने की संभावना है। प्रतिमाएं कोटा से बनकर आएंगी। जिसको शहर लाकर जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए मूर्तिकार भी कोटा से आएंगे। मूर्तिकारों से परामर्श करने के बाद ही फाउंडेशन बनाया जा रहा है। उनके बताए अनुसार सीमेंट, सरिया, ईट व अन्य आइटम प्रयोग किए जा रहे हैं। जिसकी वजह से विशालकाय प्रतिमा भूकंप व अन्य प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर सके।

अष्ट कमलदल से युक्त बनगी यज्ञशाला

विशालकाय शिव और नन्दी की प्रतिमाओं समेत मंदिर परिसर में वैदिक पुराणों के आधार पर भव्य यज्ञशाला का निर्माण भी कराया जा रहा है। पुजारी रवींद्र शर्मा ने बताया कि जिले में वैदिक पुराणों की तर्ज पर बनाई जा रही यज्ञशाला कई जिलों में नहीं है। जो 16 खंभों से युक्त होगी और जो देखने में अष्ट कमल दल के सामान दिखाई देगी। यज्ञशाला का निर्माण कार्य आगामी शिवरात्रि तक पूरा हो जाएगा। जिसमें सामूहिक रूप से यज्ञ प्रारंभ हो सकेगा।

Posted By: Inextlive