RANCHI : रिम्स की व्यवस्था पर फिर हड़ताल की गाज गिरी है। सोमवार से सिक्योरिटी गा‌र्ड्स और ट्रॉलीमैन के हड़ताल पर चले जाने से डॉक्टर्स-नर्स-स्टाफ्स के साथ मरीज भी पूरे दिन 'हलकान' होते रहे। मरीज को बैठाकर परिजन ट्रॉली खींच रहे थे तो कई डेड बॉडी भी पोस्टमार्टम के इंतजार में घंटों तक यूं ही पड़ी रही। इतना ही नहीं, गा‌र्ड्स के बिना पूरे हॉस्पिटल कैंपस में सिक्योरिटी भगवान भरोसे रही। खासकर इमरजेंसी के पास तो व्यवस्था पूरी तरह अस्तव्यस्त रही। वाहनों के खड़ा होने के वजह से यहां पूरे दिन जाम का आलम बना रहा, लेकिन सारी बातों से अवगत होने के बाद भी इससे निजात के लिए रिम्स एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कोई पहल नहीं की गई।

एक्स आर्मी मैन के हवाले

गा‌र्ड्स के आंदोलन के सपोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत रिम्स पहुंचे। उन्होंने डायरेक्टर से मुलाकात कर सिक्योरिटी के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द करने को कहा। उन्होंने कहा कि इतनी संख्या में लोकल लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इसपर डायरेक्टर ने बताया कि सिक्योरिटी एजेंसी के सेलेक्शन के लिए टेंडर जारी किया गया था। लेकिन, सिंगल टेंडर के कारण एजेंसी फाइनल नहीं हो सकी। ऐसे में गवर्निग बॉडी ने एक्स आर्मी मैन के हाथों में सिक्योरिटी को सौंपने का फैसला किया है। वहीं, टेंडर के लिए दोबारा से इस प्रस्ताव को जीबी में ले जाना होगा।

कहिए तो चले जाएंगे

बार-बार टेंडर करने की प्रक्रिया व्यवस्था सुधारने को लेकर सुबोधकांत की बात सुनने के बाद डायरेक्टर का पेसेंस भी जवाब दे गया। इस पर उन्होंने यहां तक कह डाला कि हमें रिम्स सुधारने दीजिए या फिर जाने को कहिए तो चले जाएंगे। इसके बाद डायरेक्टर ने कहा कि फिलहाल तो एजेंसी को बिना कुछ सोचे काम पर गा‌र्ड्स को लौट जाना चाहिए। गा‌र्ड्स को ड्यूटी पर रखने के लिए विचार किया जाएगा।

व्यवस्था सामान्य बनाए रखने के लिए उठाए ये कदम

1-सैप और झारखंड पुलिस ने संभाला मोर्चा

हॉस्पिटल में सिक्योरिटी के नाम पर सैप के जवान मौजूद थे। रिसेप्शन से लेकर हॉस्टल तक में कुछ सैप के जवान थे। लेकिन बाकी जगहों पर कोई नहीं था। ऐसे में प्रबंधन ने कैश काउंटर, और रिसेप्शन पर सैप के जवानों को लगाया था। वहीं कुछ जगहों पर झारखंड पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से निपटा जा सके।

2- इमरजेंसी के लिए चार ट्रॉलीमैन

रिम्स ट्रेंड सिक्योरिटी गा‌र्ड्स एसोसिएशन के चंदन ने बताया कि वे लोग काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे थे। वहीं इससे पहले उन्होंने प्रबंधन को एक पत्र भी लिखा था। इसमें बताया गया था कि वे लोग हड़ताल पर जा रहे है। इसके बावजूद प्रबंधन ने इमरजेंसी के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। ऐसे एसोसिएशन ने मानवता के नाते चार ट्रालीमैन को इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात किया है। लेकिन मंगलवार से उन्हें भी ड्यूटी से हटा लिया जाएगा।

स्ट्राइक से अस्तव्यस्त रहा हॉस्पिटल

1-इमरजेंसी में ही घंटों तक पड़ी रही डेड बॉडी

इमरजेंसी में एक्सीडेंट के अलावा सीरियज मरीजों को लाया जा रहा था। इस बीच कई मरीजों की रिम्स पहुंचने के बाद मौत हो गई। तो कुछ की इमरजेंसी में लाने से पहले ही मौत हो चुकी थी। लेकिन ट्रॉली मैन की स्ट्राइक के कारण इन शवों को पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने वाला कोई नहीं था। इस वजह से इमरजेंसी में ही मरीजों के बीच काफी देर तक डेड बॉडी पड़ी रही। वहीं, टेंपररी माच्र्युअरी में भी कई बॉडी पड़ी रही। बाद में परिजन खुद बॉडी लेकर पोस्टमार्टम के लिए गए।

2-ओपीडी-इनडोर में मरीज के परिजनों की भीड़

हॉस्पिटल में मरीजों से मिलन के लिए आने वाले परिजनों के लिए सोमवार का दिन बिना टेंशन वाला रहा। वार्ड में जाने के दौरान उन्हें कोई रोकने वाला जो नहीं था। इस वजह से सभी वार्डो में परिजनों की भीड़ लगी रही। वहीं ओपीडी में भी बेतरतीब ढंग से मरीजों की भीड़ लगी हुई थी।

3-पार्किग में सिस्टम बेपटरी

हॉस्पिटल कैंपस में चारों ओर गाडि़यों की बेतरतीब पार्किग थी। वहीं, डॉक्टर पार्किग में भी काफी गाडि़यों को पार्क कर दिया गया था। कई लोग तो बीच रोड में ही अपनी गाड़ी छोड़ चले गए थे। इस वजह से पार्किग जोन में भी जाम जैसा नजारा देखने को मिला। इसकी वजह सिक्योरिटी गा‌र्ड्स का स्ट्राइक पर चला जाना रहा।

Posted By: Inextlive