-तीन माह में 60 मासूम हुए टीबी का शिकार

- सर्वे रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

KAUSHAMBI (13 Dec JNN): यह किसी बड़े खतरे का संकेत है। अगर यही हाल रहा तो दोआबा में टीबी एक महामारी बन जाएगी। बड़े ही नहीं छोटे भी इसकी चपेट में हैं। बीते तीन माह में म्0 मासूमों को टीबी जैसी घातक बीमारी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। एक सर्वे रिपोर्ट ने इसका खुलासा किया तो हेल्थ डिपार्टमेंट भी चौंक गया। अब इसकी जांच शुरू हो गई है। आखिर ऐसी क्या वजह है कि टीबी यहां पर महामारी की तरफ बढ़ रही है।

जागरुकता का अभाव

जनपद में टीबी के नए मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। जागरूकता अभाव में समय पर इलाज नहीं हो पाने से बीमारी भयावह रूप ले लेती है। इसकी वजह से बड़ों के साथ बच्चे भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। जुलाई से सितंबर माह के बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा भ्ब्0 टीबी के मरीज खोजे गए। इसमें म्0 मासूम क्षयरोग से पीडि़त पाए गए हैं। इस रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद टीबी जैसी घातक बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कवायद शुरू कर दी गई है। जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डा। एसएन त्रिपाठी ने बताया कि जागरूकता के जरिए ही क्षय रोग जैसी घातक बीमारी से बचाव किया जा सकता है। टीबी का लक्षण दिखते ही संबंधित व्यक्ति को चाहिए कि वह स्थानीय डीएमसी सेंटर पर पहुंच कर स्वास्थ्य परीक्षण कराए।

खान-पान भी बीमारी का कारण

जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डा। एसएन त्रिपाठी ने बताया कि कौशांबी काफी पिछड़ा जनपद है। जनपद की ब्0 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है। इस वजह से जनपद के हजारों बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है। जिससे बच्चे काफी कमजोर हैं। स्वास्थ्य सही न होने के कारण बच्चे टीबी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों की टीबी की जांच कराई जाएगी।

- जिले के सभी कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की टीबी की जांच कराई जाएगी। इसके लिए कार्य योजना तैयार करके कवायद शुरू कर दी गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी से कुपोषित बच्चों की सूची मांगी गई है।

आरके मिश्रा, सीएमओ

Posted By: Inextlive