रांची-हजारीबाग रोड का हो गया है कायाकल्प
बस, थोड़ा सा काम बचा है
रांची-हजारीबाग रोड एनएच 33 का टर्न अराउंड यानी कायाकल्प हो चुका है। 625 करोड़ के बजट से बने इस एक्सप्रेस वे से जब आप गुजरेंगे, तो आप जरूर करेंगे फील गुड.2010 के वक्त की उबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरी सड़क गायब हो गई है। रांची-पटना हाइवे फोरलेन बनकर तैयार है। बस थोड़ा सा काम बचा है और वो भी वक्त रहते पूरा हो जाएगा।
पहले रांची से हजारीबाग जाने में तीन घंटे से अधिक का समय लगता था और रांची से रामगढ़ एक घंटे से ज्यादा वक्त में पहुंचा जाता था। लेकिन अब यात्रा का वक्त कम गया है। सौ किमी का हजारीबाग का सफर लोग दो घंटे में आराम से पूरा कर ले रहे हैैं। साथ ही लोग रांची से रामगढ़ भी मात्र 45 मिनट में पहुंच जाते हैैं।
Time तो बस यूं गुजर जाता है
हजारीबाग के सुशील कुमार कहते हैैं - मैैं अपनी बाइक से रांची महीने में एक बार आ ही जाता हूं। मुझे पहले बाइक से आने में ढाई घंटे से ऊपर का टाइम लग जाता था और काफी थक भी जाता था। पर जब से फोर लेन बन गया है, मुश्किल से डेढ़ घंटे का समय लगता है। सफर का पता भी नहीं चलता है। फोर लेन तो इतना लग्जरीयस बना है कि समय का पता ही नहीं चलता।
मोरहाबादी के राम बहादुर सिंह खुशी जताते हुए कहते हैैं कि हमारे लिए तो इस रोड के बन जाने से टाइम और पैसा दोनों बच गया। वो बताते हैं- मेरा चुटुपालू घाटी में क्रशर और माइंस का बिजनेस है। इस कारण हमको रांची से रामगढ़ हर दिन दो बार अप एंड डाउन करना पड़ता है। ऐसे में रोड बन जाने से हमको काफी फायदा होता है। पहले चुटुपालू घाटी पहुंचने में 45 मिनट का टाइम तो लग ही जाता था, लेकिन अब 30 से 35 मिनट में अपने साइट पर पहुंच जाते हैैं। इसके अलावा हर दिन 250 रुपए का पेट्रोल डलवाते थे, अब 200 रुपए के पेट्रोल में जर्नी पूरी हो जाती है।