Meerut: शहर में दो मासूम बच्चे गायब हो गए. इनमें एक अपने मामा के साथ गया था और दूसरा सुबह स्कूल के लिए निकला था. दोनों में से अभी तक किसी का भी पता नहीं चला. परिजन पुलिस के साथ रातभर मासूमों को खोजने में जुटे रहे. लेकिन रात तक भी कोई सफलता हाथ नहीं लर्गी.


बच्चों का मामा
रोहटा रोड स्थित जवाहर नगर कॉलोनी की गली नंबर एक में रविंद्र ठाकुर परिवार के साथ रहते हैं। ये मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। रविंद्र दिल्ली में ड्राइविंग करता था। जो दिल्ली से मकान बेचकर यहां जवाहर नगर में आ गए और यहां दुकान भी बना रहा है। इनका एक पांच साल का बेटा कृष्णा और एक बेटी है। रविंद्र की पत्नी का फुफेरा भाई यानी बच्चों का मामा मुजफ्फरनगर का रहने वाला नीरज पुत्र अजय कुछ दिन पहले मुजफ्फरनगर में दंगे के दौरान इनके यहां रहने आ गया था।

भांजे को लेकर गायब
जब मामला शांत हुआ तो नीरज वापस चला गया। नीरज शुक्रवार की सुबह करीब छह बजे रविंद्र के घर अपने दोस्त के साथ पहुंचा। बकौल रविंद्र नीरज का कहना था कि वह देहरादून में काम करने लगा है और उसे नौ बजे ट्रेन पकडऩी है। वह अपने किसी दोस्त के साथ आया था। फिर वह स्टेशन के लिए निकल गया, लेकिन साढ़े नौ बजे वह वापस आ गया और ट्रेन छूटने की बात कही थी। अब उसने डेढ़ बजे ट्रेन पकडऩे को कहा था।

भांजे को लेकर गायब
दोपहर में वह कृष्णा के साथ घर में खेल रहा था। इसके बाद वह उसे कुछ दिलवाने के लिए बाहर गया और फिर वापस नहीं आया। जब नीरज नहीं आया तो उसके फोन पर कॉल की गई, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ है। रात होने पर थकहार परिवार वाले थाना कंकरखेड़ा पहुंचे और अपने बच्चे के अपहरण की कहानी सुनाई। रविंद्र ने बताया कि पुलिस को अपहरण की तहरीर दे दी गई। जहां कंकरखेड़ा पुलिस ने मुजफ्फरनगर पुलिस को सूचित करके आरोपी के घर दबिशें देकर गिरफ्तारी को कहा है।

अपहरण या फिर कुछ और
फिलहाल पुलिस इस मामले को अपहरण मानकर चल रही है। लेकिन परिवार वाले अपहरण का कारण स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। आखिर नीरज अपहरण क्यों करेगा? क्या उसकी दुश्मनी है, उसको इनसे पैसे चाहिए या फिर कुछ और वजह है। फिलहाल पुलिस इन सभी बिंदुओं पर काम कर रही है। असलियत तभी पता चलेगी जब नीरज मिलेगा और बच्चा बरामद हो जाएगा। वहीं पुलिस किसी अनहोनी के डर से तुरंत कार्रवाई चाहती है। बच्चे की बरामदगी को लेकर सर्विलांस पर फोन लगा दिया गया है। लोकेशन ट्रेस की जा रही है.

आखिर कहां चला गया मासूम
गांव भोला सतवई जानी में संजय का परिवार रहता है। संजय की सास महेंद्री दौराला थाना क्षेत्र के पनवाड़ी गांव में अकेली रहती हैं। जहां संजय का ग्यारह साल का बेटा आशीष अपनी नानी महेंद्री के पास रहकर पढ़ाई कर रहा है। वह दौराला के विद्या मंदिर स्कूल में कक्षा तीन का छात्र है। शुक्रवार को स्कूल में कक्षा एक से लेकर चार तक के बच्चों की छुट्टी थी। इसका आशीष और उसकी नानी को पता नहीं था।

घर से स्कूल के लिए निकला था
आशीष अपने घर से सुबह स्कूल के लिए गांव के बच्चों के साथ निकला था। दोपहर बाद भी वह जब घर नहीं पहुंचा तो नानी पड़ोसी को लेकर स्कूल गई। जहां उनको पता चला कि स्कूल में तो चौथी क्लास तक के बच्चों की छुट्टी थी। इसके बाद आशीष को खोजा गया लेकिन उसका कुछ सुराग नहीं लगा। शाम तक भी वह वापस नहीं लौटा। रात होने पर आशीष की नानी महेंद्री थाना दौराला थाने पहुंची और वहां धेवते के गुम होने की खबर दी।

अपहरण की आशंका
साथ ही पुलिस को आशीष के अपहरण की आशंका भी जाहिर की। साथ ही अपने धेवते की बरामदगी के लिए पुलिस से गुहार लगाई। नानी का कहना है कि आजकल शहर में कुछ ऐसे लोग भी सक्रिय हैं जो बच्चों को उठाकर उनसे भीख मंगवाने का काम करते हैं। बच्चों को अपंग बनाकर उनको काम करने के लिए मजबूर करते हैं। फिलहाल आशीष का कुछ पता नहीं चल सका। नानी का अपने धेवते के लिए रो-रोकर बुरा हाल है.

"सगा मामा है। जो पंद्रह दिन से इनके पास ही रह रहा था। आज सुबह आया और बच्चे को खिलाने के लिए बाहर लेकर गया। फिर उसने फोन बंद कर लिया। अब ना बच्चे का पता चला और ना ही उस आदमी का। खोजबीन चल रही है." 
- महावीर सिंह, एसओ कंकरखेड़ा

 

 

Posted By: Inextlive