-हस्तिनापुर के दरियापुर निवासी प्रवीण और कर्ज में डूबे पांची के बेघराज की हार्ट अटैक से मौत

मेरठ। बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि की वजह से बर्बाद फसलों में अपनी पूंजी गंवाने वाले किसानों की मृत्यु का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटे में मेरठ के दो किसानों की मृत्यु सदमे की वजह से हो गई। हस्तिनापुर के दरियापुर निवासी 35 वर्षीय प्रवीण ने जहां खेत में ही दम तोड़ दिया, वहीं खरखौदा के पांची गांव के बेघराज की हार्ट अटैक से मौत हो गई। ये दोनों ही कर्ज से दबे हुए बताए गए हैं।

खेत में दम तोड़ा

गांव दरियापुर में किसान प्रवीण रविवार की सुबह अपने खेत पर गया था। जब उसने देखा कि गेहूं की बालियों में दाना ही नही है तो उसने सदमे में वहीं दम तोड़ दिया। नजदीक के खेत में गेहूं कटाई कर रहे ग्रामीणों ने जब उसे अचेत अवस्था में देखा तो परिजनों को सूचना दी। उसे इलाज मिलता, इससे पहले उसने दम तोड़ दिया था।

पहले हुई थी पत्नी की मौत

अपनी नष्ट हुई फसल को देखकर सदमे में मरने वाला किसान प्रवीण 35 वर्ष पुत्र वेदप्रकाश है। दो वर्ष पूर्व उसकी पत्नी गीता की भी बीमारी के चलते मौत हो गई थी और आज वह भी अपनी नष्ट हुई फसल को देखकर मौत के मुंह में चला गया। मृतक किसान अपने पीछे तीन बड़ी हो रही बेटियां व एक बेटा छोड़ गया। मृतक प्रवीण के माता पिता की भी पहले ही मौत हो चुकी है।

खेत में गया था

मृतक प्रवीण दो भाईयों में छोटा था। और उसके हिस्से में केवल पांच बीघा जमीन आती है। उसी से वह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। बड़े भाई सुरेंद्र ने बताया कि प्रवीण रविवार की प्रात लगभग नौ बजे खेत पर गया था। लगभग दस बजे ग्रामीणों से पता चला कि प्रवीण खेत पर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है। बाद में मौत की पुष्टि हो गई।

मौके पर अधिकारी

ग्रामीणों की सूचना पर एसडीएम मवाना अर¨वद सिंह व तहसीलदार महेंद्र बहादुर सिंह मौके पर पहुंचे और पीडि़त परिवार को आíथक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। वहीं गढ़ी गांव में भी 85 वर्षीय वयोवृद्ध की मौत हो गई। हालांकि उसके परिवार ने उसे स्वाभाविक मौत बताया। क्षेत्रीय विधायक प्रभुदयाल वाल्मीकि मृतक के घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना देते हुए हर संभव मदद दिलाने की बात कही। उनके साथ सतपाल भगतजी, सचिन गुर्जर आदि थे।

हार्ट अटैक से मौत

दूसरी ओर पांच लाख रुपये के कर्ज में डूबे पांची निवासी किसान की शनिवार मध्यारात हार्ट अटैक से मौत हो गई। पांची में बेघराज पुत्र मनफूल गडरिया 65 वर्षीय परिवार समेत रहता था। 35बीघा खेती से ही दो बेटे व पांच बेटियों की परवरिश की। खेती की आय व बैंक से कर्ज लेकर बच्चों की शादियां की। वहीं, बेटे कंछिद ने बताया कि इस बार बीस बीघा गेहूं की फसल थी लेकिन सभी समाप्त हो गई वहीं, गन्ने का बकाया भुगतान भी नहीं हुआ। बतातें है कि शनिवार शाम खेत पर गए तो देखा गेहूं की फसल बिछी पड़ी है और काटने के लिए लावा भी नहीं मिल रहे। वहीं पिता के सीने में दर्द हुआ और गिर गए। सूचना पर उन्हें घर ले आए लेकिन मध्यरात मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि बेघराज ने पंजाब नेशनल बैंक का तीन लाख रुपये का लोन व पराग डेरी का पचास हजार व को-ऑपरेटिव बैंक का एक लाख रुपये व अन्य कर्ज भी ले रखा था।

पक्षपात का आरोप

उधर, तहसील टीम को सुबह फोन पर सूचना के बावजूद नहीं पहुंची तो भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यवीर त्यागी ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन सत्ता से जुड़े लोगों को ही लाभ पहुंचा रहा है। ऐसा नहीं होने देंगे और जल्द ही किसानों के लिए आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी। आखिर अंतिम संस्कार के बाद तहसीलदार रमेशचंद यादव व कानूनगो श्यामवीर सिंह आदि पहुंचे और नुकसान का आंकलन किया।

Posted By: Inextlive