Meerut: चारों तरफ क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. मानों गुंडाराज कायम हो गया है. इसको रोकने में ना कानून कामयाब है और ना ही सरकार. इसका नतीजा ये हुआ कि पुलिस की नाकामी के चलते दो लोगों को जान से हाथ धोना ही पड़ा. हस्तिनापुर में लतीफपुर चौराहे पर खड़े दो लोगों को बाइक सवार बदमाशों ने गोलियों से भून डाला. जिसमें दोनों की मौत हो गई. एक मृतक पर पहले भी हमला हो चुका था. जो सपा का कार्यकर्ता था और उसे विधायक प्रभु दयाल वाल्मिकी ने अस्पताल में भर्ती कराया था. सपा सरकार में उसके ही कार्यकर्ता के मर्डर से साफ हो गया कि कोई कानून किसी की रक्षा नहीं कर सकता.


यह था मामला
हस्तिनापुर के लतीफपुर में सपा कार्यकर्ता अशोक सिंह का परिवार रहता है। अशोक हस्तिनापुर के विधायक प्रभु दयाल वाल्मिकी गुट का अच्छा कार्यकर्ता था। चुनावी रंजिश के चलते उस पर पहले भी हमला हो चुका था। 29 अगस्त को शहजादपुर के गुरमीत व प्रेमसिंह पर उसने गोली मारकर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था। जिसमें वह बच गया था। लेकिन मंगलवार को उसके लिए दिन अमंगल साबित हुआ। अशोक लतीफपुर चौराहे पर गांव के ही प्रभु सिंह उर्फ बबलू की चाय पकोड़ी की दुकान पर खड़ा था। बाइक सवार बदमाश आए और दोनों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं.

दोनों की मौत
बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। जिसमें अशोक और बबलू को कई गोलियां लगीं। आसपास के लोगों इनको किसी तरह अस्पताल ले जाने लगे। लेकिन दोनों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जहां अस्पताल में पहुंचे सैकड़ों लोगों ने बॉडी पुलिस को नहीं ले जाने दी। साथ ही जमकर हंगामा किया। पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया गया। बताया गया कि अशोक को तीन गोलियां लगीं। जबकि प्रभु को सिर में गोली लगी। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। पब्लिक ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गंभीर आरोप लगाए। पब्लिक का कहना है कि पहले ही इस हत्या की आशंका जताई गई थी, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया.

पहले ही जताई थी आशंका
12 सितंबर को अशोक सिंह एसएसपी से मिलने गया था। जहां उसने अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी और पहले हुए हमले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उसने बताया था कि वह प्रभु दयाल वाल्मिकी गुट का कार्यकर्ता है और उनके लिए चुनाव में खूब काम किया था। इसके चलते कुछ ग्रामीण उससे रंजिश रखने लगे थे। अपने ऊपर हमले में उसने नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दोनों कत्ल के बाद पुलिस ने किसी तरह बॉडी को कब्जे में लेकर मोर्चरी पीएम के लिए भेज दिया। वहीं अशोक सिंह की पत्नी बबीता का कहना है कि गांव के प्रधान सज्जन सिंह और उसके साथी जीत सिंह के इशारे पर उसके पति की हत्या की गई है.

"अशोक सिंह पर पहले भी हमला हुआ था। जिसमें दो लोग नेम्ड थे। दोनों ही सरेंडर करके जेल जा चुके हैं। इसके बाद भी अशोक ने हत्या की आंशका जताई थी। मंगलवार को वह बबलू के साथ उसकी चाय की दुकान पर खड़ा था जहां उसको गोली मारी गई। माना जा रहा है कि बदमाश अशोक को ही मारने आए थे मगर गोली बबलू को जा लगी। जिसमें उसकी भी मौत हो गई। फिलहाल अभी कोई तहरीर नहीं आई है। जैसे ही तहरीर आती है आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
- एमएम बेग, एसपी देहात

Posted By: Inextlive