नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट के एक ऑफिसर के मुताबिक देश के 344 टाउन्स जोन पांच में आते हैं. देश की 813 सिटीज भी भूकंप के खतरे में हैं. 24 मेट्रो सिटीज में से 7 जिनकी पॉपुलेशन दो लाख से ज्यादा है जोन चार में आते हैं.


हाल ही में देश के नॉर्थ-ईस्ट में आए भूकंप ने पूरे देश को हिला दिया. इससे एक दिन पहले ही नेशनल कैपिटल दिल्ली और एनसीआर में भी भूकंप का झटका आया था. इसको देखते हुए हर किसी के मन में भूकंप को लेकर एक आशंका और डर बना हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश का 68 परसेंट हिस्सा अर्थक्वैक डेंजर जोन में आता है. आइए एक नजर डालें कहां-कहां है भूकंप का खतरा...Engineers भी नहीं जानते


हाल ही में देशभर में हुए एक सर्वे में यह पता चला था कि अहमदाबाद जैसे शहरों में बनी बहुत से नई बिल्डिंग्स को बनाते समय भूकंप के खतरों को ध्यान में नहीं रखा गया है. एक चौंकाने वाला फैक्ट यह भी है कि देश के 8.22 लाख इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स में से सिर्फ 14,700 यह मानते हैं कि वे सेफ सेस्मिक इंजीनियरिंग में ट्रेंड हैं. वहीं देशभर के  करीब 32 लाख राजगीरों में से सिर्फ 34,000 को सेस्मिक डिजाइन की जानकारी है.पूरे देश को भूकंप के खतरे को देखते हुए कुल पांच जोन में बांटा गया है. आइए देखें किस जोन में कौन से एरियाज आते हैं..Zone1

इस जोन में भूकंप का खतरा सबसे कम है. इस जोन में देश का कोई भी हिस्सा नहीं आता है. Zone 2 यह जोन थोड़ा खतरे वाला है. इस जोन में उड़ीसा, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु समेत कुछ एरियाज आते हैं. Zone 3 इस जोन में उत्तर प्रदेश, कानपुर, पश्चिम बंगाल, मुंबई वगैरह आते हैं. Zone 4 उत्तर प्रदेश, देश की राजधानी दिल्ली, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, चेन्नई और कोलकाता इस जोन में आते हैं. Zone 4यह जोन भूकंप के लिहाज से सबसे ज्यादा खतरनाक है. उत्तराखंड, नॉर्थ ईस्ट के सात जिले कश्मीर, और गुजरात इस जोन में आते हैं.

Posted By: Divyanshu Bhard