Allahabad:माघ मेले के पहले स्नान पर्व पर कड़कड़ाती ठंड ने जमकर अपना असर दिखाया. मेला एरिया में बने हॉस्पिटल्स में सुबह से शाम तक हजारों पेशेंट पहुंचे. इनमें से कई को जोरदार गलन और ठंड ने परेशान किया तो कईयों को खाली पेट कई किमी पैदल चलना महंगा पड़ गया. हालांकि हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से मेले के चलते चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी. जिसके चलते किसी भी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई.

डुबकी लगाते ही बढ़ा बीपी
मकर संक्रांति स्नान पर गंगा में डुबकी लगाने लाखों की संख्या में श्रद्धालु माघ मेला पहुंचे थे। इनमें कईयों को कड़कड़ाती ठंड से परेशानी झेलनी पड़ी। इसके चलते दो हजार पेशेंट हॉस्पिटल्स और फस्र्ट एड पोस्ट पर पहुंचे। इनको तत्काल फ्री चेकअप कर दवाएं दी गईं। 1500 से अधिक पेशेंट जहां फस्र्ट एड पोस्ट पहुंचे वहीं लगभग पांच सौ पेशेंट्स ने हॉस्पिटल्स में दस्तक दी। मेला प्रभारी डॉ। अरुण कुमार ने बताया कि इनमें से अधिकतर पेशेंट हाई ब्लड प्रेशर और सांस फूलने के थे। ठंड में डुबकी लगाते ही इनको प्रॉब्लम होने लगी। परिजनों ने तत्काल उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया।

ऐसी गलती कतई न करें
डॉक्टरों के मुताबिक स्नान पर्व पर आने वाले श्रद्धालु अक्सर खाली पेट गंगा स्नान करने आते हैं। श्रद्धा के लिहाज से यह सही है लेकिन हेल्थ प्वाइंट ऑफ व्यू से यह खतरनाक साबित होता है। बिना खाए-पिए कई किमी पैदल चलने की वजह से इनका अक्सर बीपी बढ़ जाता है और यह सिचुएशन मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है। इसके अलावा डायबिटीज की वजह से शुगर लेवल डाउन हो जाने से भी मरीज को परेशानी हो जाती है। स्नान पर्वों के दौरान ऐसे मरीजों की संख्या काफी ज्यादा होती है। डॉक्टर्स एडवाइज के मुताबिक खाली पेट घर से निकलना मरीजों के लिए घातक हो सकता है. 

चप्पे-चप्पे पर तैनात रहीं एम्बुलेंस
सीएमओ डॉ। पदमाकर सिंह ने बताया कि मकर संक्रांति को देखते हुए खास इंतजाम किए गए थे। दो हॉस्पिटल्स सहित कुल 12 फस्र्ट एड हेल्थ पोस्ट बनाए गए थे। चप्पे-चप्पे पर कुल 22 एम्बुलेंस तैनात की गई थीं। साथ ही 30 डॉक्टर्स को नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि सीरियस कंडीशन के चलते कुल सात मरीजों को एडमिट किया गया है। इनका इलाज चल रहा है। सभी को वेडनसडे को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. 

Posted By: Inextlive