- कमीशन ने तैयार कि स्टूडेंट ग्रीवांस रेड्रेसल पोर्टल

- यूनियन मिनिस्टर की अगुवाई में चलेगा पोर्टल

- शिकायतों का स्टेट्स भी जान सकेंगे स्टूडेंट्स

- यूनिवर्सिटी में तैनात होगा नोडल ऑफिसर

- शिकायत का निवारण न होने पर पोर्टल देगा रिमांइडर

ravi.priya@inext.co.in

DEHRADUN : संस्थानों की मनमानी और उत्पीड़न झेल रहे स्टूडेंट्स को अपनी सुनवाई के लिए इधर-उधर भागना नहीं पड़ेगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन अब परेशान स्टूडेंट्स की गुहार सीधे सुनेगी। सबसे खास बात यह कि मिनिस्ट्री ऑफ ह्ययूमन रिसोर्स डवलपमेंट मिनिस्टर स्मृति जुबीन ईरानी स्टूडेंट्स की इन शिकायतों और इनके निवारणों का हिसाब रखेंगी। इसी कड़ी में यूनियन मिनिस्टर ने यूजीसी स्टूडेंट ग्रीवांस पोर्टल लॉन्च किया। ट्यूजडे से शुरू हुआ यह पोर्टल देशभर की शिकायतों का हिसाब रखने के साथ ही समयबद्ध होकर इनके निवारण का काम करेगा। पोर्टल पर स्टूडेंट्स अपनी शिकायतों और कार्रवाई का स्टेटस भी जान सकेंगे।

मनमानी पर लगेगी लगाम

पिछले कुछ समय में संस्थानों की मनमानी और स्टूडेंट्स के साथ धोखाधड़ी, छेड़छाड़ और उत्पीड़न आदि के मामलों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। यूनिवर्सिटीज में इसी मनमानी पर लगाम कसने को लोकपाल की नियुक्ति की गई। इन मामलों की सुनवाई के लिए नोडल ऑफिसर भी बनाए गए, लेकिन ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया। इसीलिए अब यूजीसी ने अपना एक खास पोर्टल बनाया है। ताकि स्टूडेंट्स को मिलने वाले न्याय में तेजी लाई जा सके।

जल्द सॉल्व होगी कंप्लेन

पोर्टल पर स्टूडेंट्स तमाम तरह की शिकायतें दर्ज करा सकते हैं, लेकिन इसके लिए पहले उन्हें पोर्टल पर रजिस्टर होना होगा। पोर्टल पर रजिस्टर होने के बाद शिकयत को जैसे ही स्टूडेंट पोर्टल पर दर्ज करेगा तो उसे रिलेटेड यूनिवर्सिटी के नोडल ऑफिसर का नाम, फोन नंबर, ईमेल आईडी आदि सभी जानकारी स्क्रीन पर प्राप्त हो जाएंगी। नोडल अधिकारी यूनिवर्सिटी की ओर से पूरी तरह से इस शिकायत के निवारण के लिए रेस्पोंसिबल होगा। इतना ही नहीं 15 दिनों में यदि शिकायत का निवारण नही होता तो पोर्टल के जरिए शिकायत के जल्द निवारण के लिए एक रिमाइंडर भेजा जाएगा। किसी तरह की जानकारी के लिए नोडल अधिकारी शिकायतकर्ता की डीटेल्स को पोर्टल पर चेक कर उनसे संपर्क कर सकता है।

शिकायतों की पल-पल की खबर

पोर्टल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि एडमिनिस्ट्रेटर को हर शिकायत ग्राफिक मोड में उपलब्ध होगी। इसके अलावा कितनी शिकायतों पर कार्रवाई की गई, पेंडिंग ग्रीवांसेज और ग्रीवांस के मामले बाकायदा ग्राफिक मैनर में स्क्रीन पर उपलब्ध होंगे। स्टूडेंट्स भी अपनी शिकायत और उस पर होने वाली कार्रवाई का स्टेटस लॉगइन जान सकते हैं।

शिकायतें कर सकते हैं स्टूडेंट्स

- सेक्सुअल हैरेस्मेंट व उत्पीड़न करने के मामले में।

- एडमिशन प्रॉसेस में गड़बड़ी के मामलों में।

- रिजर्वेशन में गड़बड़ी करने के मामले में।

- प्रॉस्पेक्टस के पब्लिश करने या न करने के मामलों में।

- जाति और धर्म आदि के नाम पर भेदभाव किए जाने के मामले में।

- संस्थान द्वारा रिजल्ट जारी न किए जाने या रोके जाने पर।

- संस्थानों में सुविधाओं की कमी होने पर।

- स्कॉलरशिप और फेलोशिप्स के भुगतान न करने पर।

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यहां करें शिकायत:

http://www.ugc.ac.in/gv1/

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यूनिवर्सिटी में नोडल अधिकारी पहले से नियुक्त हैं, लेकिन अब इन मामलों में और पारदर्शिता आएगी। अक्सर शिकायतों को लेकर स्टूडेंट्स भी परेशान रहते हैं। पोटर्ल पर उन्हें अपनी ग्रीवांस का स्टेटस ट्रैक हो सकेगा।

- प्रो। आरके सिंह, एग्जाम कंट्रोलर,

उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी।

यूजीसी ग्रीवांस पोर्टल काफी कारगर साबित होगा। अगर कोई संस्थान मनमानी करता है तो उस पर लगाम लगेगी। सबसे अहम बात यह है कि स्टूडेंट्स की शिकायतों को एक मंच मिला है, जहां से तुरंत एक्शन लिया जा सकेगा। हायर एजुकेशन में सुधार के लिए यह जरूरी था।

- प्रो। वीके जैन, वाइस चांसलर,

दून यूनिवर्सिटी।

Posted By: Inextlive