Meerut : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन ने स्पोट्र्स कॉम्पटीशन में पार्टीशिपेट करने प्रोसेस चेंज कर दिया है. पहले जहां ये रजिस्ट्रेशन मैनुअल तरीके से होता था. वहीं अब सब कुछ ऑनलाइन कर दिया गया है.


पहले हर गेम के लिए अलग से नाम भेजे जाते थे, लेकिन अब एक बार में ही सभी गेम के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।क्या है मामलाबोर्ड ने तय किया है कि अब स्पोट्र्स में पार्ट लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पहले स्कूल को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसके बाद स्कूल अपने स्टूडेंट्स को ऑनलाइन रजिस्टर करेगा। इस प्रक्रिया के तहत ना केवल स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा बल्कि, स्कूल मैनेजमेंट के लिए भी रजिस्ट्रेशन की राह काफी आसान हो जाएगी .जब तक पढ़ोगे तब तक वेलिड


हर एक स्कूल के लिए अपने स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। जो भी स्टूडेंट किसी गेम में पार्ट लेना चाहते हैं। उनका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन किसी एक गेम के लिए नहीं होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद ये स्टूडेंट किसी भी गेम में पार्ट ले सकता है। खास बात है कि ये रजिस्ट्रेशन स्टूडेंट तब तक वेलिड रहेगा जब तक कि स्टूडेंट सीबीएसई के किसी भी स्कूल में पढ़ता होगा। किसी कारणवश अगर स्टूडेंट को अपना स्कूल शिफ्ट करना पड़ता है तो दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नही होगी।न्यू पेज पर है जानकारी

सीबीएसई ने इन सारी इनफॉर्मेशन के लिए अपना नया पेज बनाया है, जिसमें स्पोट्र्स संबंधित सभी जानकारी मौजूद है। यहीं पर स्पोट्र्स कैलेंडर से लेकर सभी खिलाडिय़ों की डिटेल अपलोड की जाएगी। ये रजिस्ट्रेशन स्कूल लेवल पर नहीं बोर्ड लेवल पर होगा। ये डाटा बोर्ड के पास हमेशा सुरक्षित रहेगा। मिलेगा यूआईडी नंबरस्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन भी स्पोट्र्स लिंक पर ही होगा। यहां पर स्टूडेंट की एक लेटेस्ट फोटो भी अपलोड करनी होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद स्टूडेंट के लिए बोर्ड की तरफ से एक यूआईडी (यूनिक आईडेंटीटी नंबर) जारी किया जाएगा। जिसके आधार पर वह अपने मनचाहे स्पोर्टस में आसानी के साथ भाग ले सकता है।कैसे करें स्कूल का रजिस्ट्रेशनपहले बोर्ड की ‘न्यू एकेडमिक वेबसाइट’ पर जाएं।इसमें जाकर फिजिकल एजुकेशन स्पोट्र्स एंड गेम्स, पर जाएं।यहां से ‘रजिस्टर योअर स्कूल’ पर जाएं।‘रजिस्टर’ पर क्लिक करें।इसके बाद आपको आपकी आईडी पर एक लॉग इन पासवर्ड मिलेगा।"स्कूलों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना एक बेहतर ऑप्शन है। इससे स्कूलों को बार बार परेशानी भी नहीं होगी। और हर साल नई क्लास में जाने पर या फिर स्कूल बदलने पर उन्हें परेशानी नहीं होगी."रीता सिरोही, प्रिंसीपल ऋषभ एकेडमी

Posted By: Inextlive