- जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर बंद कर दिए गए कनेक्शन

- एजेंसी पर पहुंचने के बाद मिल रही कनेक्शन बंद होने की जानकारी

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8,44,000-कुल एलपीजी कनेक्शन होल्डर डिस्ट्रिक्ट में हैं

1,50,000-करीब उज्जवला योजना के तहत बांटे गए थे कनेक्शन

BAREILLY :

केस-1

बिथरी चैनपुर ब्लॉक निवासी नरेश चन्द्र ने लिस्ट में नाम होने पर पहले इंडेन और भारत दोनों एजेंसी से अप्लाई कर दिया। कुछ दिन बाद पता किया तो दोनों जगह से अप्रूवल मिल गया। इसके बाद नरेश चन्द्र ने पहले इंडेन से और बाद में भारत गैस सर्विस से भी एलपीजी कनेक्शन उज्जवला के तहत लिया था। कनेक्शन जब लिया गया था तो उस समय सर्वर भी नहीं पकड़ पाया, लेकिन अब सर्वर से मामला पकड़ में आने पर उनका भारत गैस सर्विस का कनेक्शन कैंसिल कर दिया गया

केस-2

शहर के हरूनगला निवासी अनिल कुमार का उज्जवला योजना लिस्ट में नाम आया तो उन्होंने अपने गांव के पास एजेंसी से कनेक्शन के लिए पेपर जमा कर दिए, जबकि एक कनेक्शन के लिए शहर में पेपर जमा कर दिए। दोनों जगह पेपर जमा होने पर दोनों जगह से कनेक्शन का अप्रूवल एक सप्ताह में मिल गया और उन्होंने दोनों जगह से कनेक्शन ले लिया। उनका भी एक कनेक्शन बंद हो गया।

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बरेली। प्रधानमंत्री की लोकप्रिय उज्जवला योजना में भी शातिरों ने फर्जीवाड़ा कर डाला। इस योजना में भी लोगों ने दो-दो जगह से कनेक्शन ले लिए थे। लेकिन, उनका यह फर्जीवाड़ा ज्यादा दिन नहीं चल सका। गैस कंपनियों के सॉफ्टवेयर ने ऐसे सभी लोगों के नाम उजागर कर दिए हैं, जिन्होंने योजना में फर्जीवाड़ा कर दो कनेक्शन ले लिए थे। धांधली सामने आते ही अफसरों ने ऐसे सभी कनेक्शनों को बगैर सूचना दिए ही बंद कर दिया है।

ऐसे किया फर्जीवाड़ा

36 अंकों के एचएल टिन नम्बर में नाम होने पर किसी को उज्जवला योजना के लिए पात्र माना जाता है। यह नम्बर और राशन कार्ड की डिटेल ऑन लाइन फिल करने के बाद ही योजना के तहत कनेक्श्न जारी किया जाता है। लेकिन फर्जीवाड़ा करने वालों ने एचएल टिन नम्बर में अंक आगे पीछे कर गलत तरीके से दो-दो कनेक्शन ले लिए।

ऐसे हुआ खुलासा

जब जांच हुई तो सर्वर से पता चला कि कई लोगों के 36 अंकों का एचएल टिन नम्बर तो अलग-अलग था, लेकिन उनके नाम व पते एक ही थे। फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के नाम पकड़ में आने के बाद गैस कंपनियों के अफसरों ने एजेंसी संचालकों को इस मामले से अवगत कराया। इसके बाद इनके कनेक्शन बंद कर दिए गए। इसके बाद जब इन लोगों ने ऑनलाइन या फिर एजेंसी में जाकर गैस बुकिंग करानी चाही तो उनकी रिक्वेस्ट रिजेक्ट हो गई। पूछताछ करने पर उन्हें फर्जीवाड़े के चलते कनेक्शन बंद होने की जानकारी दी गई। इसके बाद एजेंसी संचालकों ने इस मामले में कोई समाधान देने से इनकार दिया।

अब नहीं कर सकेंगे फर्जीवाड़ा

आईओसी के फील्ड ऑफिसर ने बताया कि अब उन गरीबों को भी कनेक्शन दिया जा रहा है जो पहली बार में नहीं ले पाए हैं, लेकिन इस बार कोई फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेगा। क्योंकि इस बार कनेक्शन लेने के लिए राशन कार्ड पर जितनी भी यूनिट दर्ज हैं, उन सभी का आधार कार्ड लग रहा है। ऐसे में घर के एक मुखिया को ही गैस कनेक्शन उज्जवला योजना के तहत मिल पाएगा। अगर परिवार का दूसरा मेंबर कहीं दूसरी जगह आधार कार्ड लगाएगा तो वह पकड़ में आ जाएगा।

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- उज्जवला योजना में कुछ लोगों ने अलग-अलग एजेंसी से कनेक्शन ले लिए थे। ऐसे सभी कनेक्शन पकड़ में आने के बाद बंद कर दिए गए हैं। इस बार कनेक्शन जारी करने के लिए अलग व्यवस्था है। इसमें फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा।

रोहन दलाल, फील्ड ऑफिसर आईओसी

Posted By: Inextlive