-सीएम, डिप्टी सीएम और केंद्रीय मंत्री ने किया शुभारंभ

क्कन्ञ्जहृन्: प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ शुक्रवार को दरभंगा से हुआ। सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन करते हुए कहा कि बिहार और केंद्र सरकार की योजनाएं समाज में पुरुष और महिलाओं के उत्थान के लिए चल रही हैं। योजनाएं अगड़े-पिछड़े, दलितों और शिक्षकों के लिए चल रही हैं। हमारी योजनाएं किसी विशेष धर्म, संप्रदाय या जाति के लिए नहीं हैं। सीएम ने कहा कि पहले गांव-देहात में महिलाएं गोइठा पर खाना बनाती थीं। कई तरह के रोगों का शिकार हो जाती थीं। यह योजना पर्यावरण के साथ-साथ महिलाओं को बीमारियों से भी निजात दिलाएगी।

आठ करोड़ कनेक्शन का लक्ष्य

सीएम ने कहा कि खुशी है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सभी गरीबों को गैस कनेक्शन उपल?ध कराया जा रहा है। गैस कनेक्शन महिला के नाम से दिया जाए तो बेहतर होगा। यह सामाजिक उत्थान की योजना है। हर घर में बिजली, पानी और शौचालय उपल?ध करवाया जा रहा है। गली, नाली योजना के तहत पक्की सड़कें बनाई जा रही हैं। सीएम ने कहा कि योजना ऐसी बने जिसका लाभ सबको मिले। उन्होंने मौके पर मौजूद जनता से अपील की कि इस समय अगलगी की घटनाएं कम हों, इसके लिए सुबह 10 बजे से पहले और शाम चार बजे के बाद भोजन बनाना चाहिए। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य है। पांच करोड़ को दिया जा चुका है। उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी अपनी बातें कही।

गरीबों के घर में फ्री में कनेक्शन

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला कार्यक्रम के तहत दो साल में सभी गरीबों के घर में फ्री एलपीजी कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य है। बजट में 12 हजार 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बिहार में 2.10 करोड़ परिवार हैं, जिसमें से 1.30 करोड़ घरों में एलपीजी सिलेंडर पहुंच चुका है। अगले साल तक शेष बचे अस्सी लाख घरों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री उज्ज्वला कार्यक्रम के तहत बिहार के सभी अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति, अति पिछड़ी जाति परिवारों को कवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार कोयला, कोइठा, भूसी, लकड़ी जैसे घरेलू ईधन पर भोजन बनाने की वजह से देश में हर साल पांच लाख की मौत हो जाती है। इससे निकलने वाले प्रदूषण के कारण बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ते हैं। उन्हाेंने कहा कि एक मई 2016 को बलिया से प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके तहत 5 करोड़ परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 3.7 करोड़ परिवारों को सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। सरकार ने लक्ष्य का बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया गया है। देश में एक परिवार एक साल में सात एलपीजी सिलेंडर की खपत करता है। गरीब परिवार औसत 4.3 सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive