अमेरिका के बाद अब ब्रिटिश सरकार ने भी भारतीय पेशेवरों को वीजा देने से इनकार कर दिया है। अपनी सरकारों से अलग ब्रिटेन आैर अमेरिका के नागरिक इंडियन प्रोफेशनल्स के फेवर में सिग्नेचर कैंपेन से अपील कर रहे हैं।


ब्रिटिश सरकार ने सैकड़ों भारतीयों को वीजा देने से मना किया लंदन/वाशिंगटन (पीटीआई)। ब्रिटिश सरकार की ओर से सैकड़ों भारतीय पेशेवरों को वीजा देने से मना किए जाने पर बड़ी संख्या में लोग उनके समर्थन में आ गए हैं। इसके लिए 30 हजार से ज्यादा लोगों ने एक ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके माध्यम से ब्रिटिश सरकार से यह अपील की गई है कि इस देश में रहने और काम करने के अधिकारों से रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रावधानों का दुरुपयोग बंद होना चाहिए। यह ऑनलाइन अभियान उच्च कुशल प्रवासी लोगों के एक समूह की ओर से चलाया गया है।दिसंबर 2017 के बाद वीजा दिए जाने से इन्कार


अधिकार संगठन कैंपेन फॉर साइंस एंड इंजीनियरिंग ने बुधवार को ब्रिटेन के गृह विभाग से मिले एक आंकड़े के हवाले से बताया था कि भारतीय इंजीनियरों, आइटी पेशेवरों, डॉक्टरों और शिक्षकों समेत 6060 कुशल पेशेवरों को दिसंबर, 2017 के बाद वीजा दिए जाने से इन्कार कर दिया गया। ब्रिटेन के गृह मामलों के नवनियुक्त मंत्री साजिद जावेद ने इस हफ्ते एक संसदीय समिति से कहा था कि वह कुछ गंभीर मामलों की समीक्षा करेंगे। लोगों के वीजा आवेदन को सही तरीके से देखा जाना जरूरी है। जावेद पाकिस्तानी मूल के हैं।

अमेरिका में एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी का वर्क परमिट जारी रखने की अपीलसौ से ज्यादा अमेरिकी सांसदों ने पत्र लिखकर ट्रंप प्रशासन से एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी को मिलने वाले वर्क परमिट को जारी रखने की अपील है। उल्लेखनीय है कि ट्रंप प्रशासन एच-4 वीजाधारकों का वर्क परमिट खत्म करने की योजना बना रहा है। एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी को एच-4 वीजा दिया जाता है। एच-1बी वीजा भारतीय आइटी पेशेवरों में खासा लोकप्रिय है। ट्रंप के इस कदम से 70 हजार एच-4 वीजाधारक प्रभावित हो सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी को कानूनी तौर पर काम करने की अनुमति मिली थी। इसे बचाने के लिए बड़ी संख्या में अमेरिकी सांसद आगे आए हैं। भारतीय मूल की प्रभावशाली सांसद प्रमिला जयपाल की अगुआई में 130 सांसदों ने गृह सुरक्षा मामलों की मंत्री क्रिस्टीन नील्सन को पत्र लिखकर इस व्यवस्था को बरकरार रखने की आग्रह किया है।सपना था रूस में नौकरी का, पता चला वीजा ही फर्जी है.. आईआईटी नहीं बल्कि भारत की इन यूनिवर्सिटी के छात्रों को मिला सबसे अधिक एच1 बी वीजा

Posted By: Satyendra Kumar Singh