DEHRADUN : कहते हैं कि बाल मन को पढ़ पाना इस दुनिया का सबसे कठिन काम है. दुनिया भर में चाइल्ड साइकोलॉजी को समझने के लिए एक्सपट्र्स रिसर्च कर रहे हैं. बच्चों के बदलते मन और उसके साइड इफेक्ट्स को देखते हुए पेरेंट्स भी अब बच्चों को समझने के लिए साइकोलॉजिस्ट्स के पास पहुंच रहे हैं लेकिन अब पेरेंट्स को कहीं जाने की जरूरत नहीं है. आपको बता दें कि अब आपको चाइल्ड साइकोलॉजी को समझने के कहीं दूर जाने की जरुरत नहीं है. अब आपका फोन आपको बच्चों को समझने के गुर सिखाएगा. गूगल एंड्रॉयड फोन में ऐसी तमाम अप्लीकेशंस हैं जो आपको चाइल्ड साइकोलॉजी समझने के तरीके बताएगी.

गूगल ने लॉन्च किया नया अप्लीकेशन
सोसाइटी मेंं जेनरेशन गैप हमेशा रहा है। बढ़ती उम्र के साथ बच्चे के मन में ढेरों बदलाव आते हैं। इन्हीं बदलावों के कारण पेरेंट्स और बच्चे के बीच कई बार दूरियां भी बनने लगती हैं। लोग अक्सर इसे जेनरेशन गैप कहकर नजर अंदाज कर देते हैं, लेकिन यह गैप अब कुछ कम हो सकता है और इस गैप को कम करने में एक कदम आप अपने मोबाइल की मदद से बढ़ा सकते हैं। दरअसल, पेरेंट्स को चाइल्ड साइकोलॉजी को समझने के लिए गूगल ने कई ऐसी एप्स लांच की है, जो आपको चाइल्ड साइकोलॉजी को समझने में हेल्प करेगी। आपको केवल अपने फोन पर इन अप्लीकेशंस को डाउनलोड करना है। गूगल प्ले स्टोर पर दिसंबर 2013 में अपलोड हुई चाइल्ड साइकोलॉजी बुक्स अप्लीकेशन में 100 से ज्यादा ऐसी किताबें है, जहां आपको बाल मन को समझने के कई बेहतरीन आइडियाज, टिप्स एंड टेक्निक्स मिलेगी।
अप्लीकेशन हैं बेस्ट ऑप्शन
अक्सर सालों तक अपने बच्चे साथ रहने के बाद भी पेरेंट्स अपने बच्चे को समझ नहीं पाते। पेरेंटस अपने मुताबिक अपने बच्चे के भविष्य के लिए दिशा तय करते हैं। कई बार दोनों के सपने आपस में इस कदर टकरा जाती हैं। एक्सपट्र्स का मानना है कि आज तमाम ऐसे तरीके हैं, जो आपको यह बताते हैं कि आपके बच्चे के मन में क्या है? तमाम इंस्टिट्यूट््स एप्टिट्यूड और इंटेलीजेंस चेक करने लिए एग्जाम्स कंडक्ट कराती हैं। पेरेंट्स को इन फैसेलिटीज को यूज करना चाहिए। फोन पर चाइल्ड साइकोलॉजी को समझने के तरीके भी एक बेहतरीन ऑप्शन है, लेकिन इसके लिए सबसे पहले एक एक्सपर्ट से राय लेना बेहतर होगा।
यह अप्लीकेशंस हैं मौजूद


-साइकोलॉजी बुक्स- इस अप्लीकेशन को एक बार मोबाइल पर डाउनलोड करना है। अप्लीकेशन में 100 से ज्यादा ऐसी बुक्स हैं जो आपको साइकोलॉजी को समझने में मदद करेंगी। गूगल ने यह एप हाल ही अपने स्टोर पर अपलोड की है।  


-चाइल्ड साइकोलॉजी बुक्स- चाइल्ड साइकोलॉजी को समझने के लिए यह अप्लीकेशन चाइल्ड साइकोलॉजी पर दुनिया की बेहतरीन किताबें मुहैया कराती है। इस अप्लीकेशन के जरिए किताबों को खरीदा जा सकता है।
-साइकोलॉजिस्ट ऑनलाइन- यह अप्लीकेशन आपको कंसल्टेंट, साइकोलॉजिस्ट थेरेपिस्ट्स से डायरेक्ट ऑनलाइन कनेक्ट करती है। यहां आप सीधे अपने सवाल एक्स्पट्र्स से पूछ सकते हैं। यही नहीं इस एप के जरिए एक्सपट्र्स से वीडियो चैट भी कर सकते हैं। इस एप में 20 कैटेगरीज में जाकर आप अपने मुताबिक एक्सपर्ट को सिलेक्ट कर बात कर सकते हैं।
- स्कूल साइकोलॉजी टूल्स- इस एप को खास तौर पर स्कूल साइकोलॉजिस्ट्स ने डिजाइन किया है। स्कूल में चाइल्ड बिहेवियर और एक्शंस को ऑब्जर्व करने के लिए कई ऑप्शंस दिए गए हैं। इसे स्पेशली स्कूल साइकोलॉजिस्ट्स की हेल्प के लिए डिजाइन किया गया है। इसे डाउनलोड करने के लिए एंड्रॉयड 2.2 वर्जन और 100 एमबी से ज्यादा की स्पेस की आवश्यकता होती है।


चाइल्ड डेवलपमेंट-
इस एप मेंं फेमस चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट डा। जीएच डेवोल ने अपने अनुभवों और रिसर्च के आधार पर पेरेंट्स के लिए 182 डेवलपमेंट थ्योरीज प्रेजेंट की हैं, जिसके आधार पर पेरेंट्स अपने बच्चे की बदलती उम्र के हिसाब से उनके बदलते स्वभाव को समझ सकते हैं।
नोट: सभी एप्स एंड्रॉयड के वर्जन के आधार पर वर्क करेंगी।
मेरे दो बच्चे हैं। दोनों उम्र के ऐसे पड़ाव पर हैं, जहां ऐज गैप आता है। आज कल समझ नहीं आता कि कैसे बिहेव करें? अगर फोन पर ऐसी अप्लीकेशन आती है जो बच्चों को समझने में हेप्ल करें तो बेस्ट है।
-अर्चना अंथवाल, पेरेंट
क्लास में भी बच्चे कई बार अजीब हरकत करते हैं। बच्चों की मानसिकता को देखते हुए टीचर्स को भी चाइल्ड साइकोलॉजी की नॉलेज होनी जरूरी है। इंटरनेट पर तो पहले से ऐसी जानकारी थी। फोन पर अप्लीकेशन होने से काफी हेल्प होगी।
- आरके श्रीवास्तव, टीचर, साईंग्रेस एकेडमी इंटरनेशनल
चाइल्ड साइकोलॉजी को समझना सभी के लिए जरूरी है। तमाम किताबें भी मार्केट में मौजूद हैं, लेकिन हर बच्चे का मेंटल लेवल अलग होता है। फोन पर अप्लीकेशंस एक बेटर ऑप्शन है, लेकिन इससे पहले एक बार पेरेंट्स को एक्सपट्र्स से भी कंसल्ट कर लेना चाहिए।
- डा। मुकुल शर्मा, चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट

Posted By: Inextlive