PATNA: राजधानी में एक ऐसा बस स्टैंड जो पूरी तरह सरकारी कुप्रबंधन का शिकार है। यहां से खुलने वाली बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसें भी कुप्रबंधन की चपेट हैं। कई बसों में लगी खिड़कियां बंद नहीं होतीं जिससे बारिश के दिनों में परेशानी होती है। कई बसों में तो खिड़की के ग्लास टूटे हुए हैं। कुछ ग्लास के हालात ऐसे हैं कि कभी भी टूट सकते हैं। अगर ग्लास टूटे तो पास में बैठे यात्री की जान पर बन सकती है। यह हाल विभिन्न जिलों में जाने वाली बसों के अलावा पटना के सिटी बसों में ज्यादा है। बताते चलें कि पटना में सिटी बसों की संख्या लगभग 110 हैं जिससे लगभग 40 हजार लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं। इसके बावजूद परिवहन विभाग इन बसों के मेंटेनेंस को लेकर काम नहीं कर रही है।

बस में टपकता है पानी

बांकीपुर बस स्टैंड से खुलने वाली सिटी बसों का हाल बदहाल है। इन बसों से यात्रा करने वाले मुसाफिर बेहाल हैं क्योंकि तेज पानी बरसने से पानी बस के अंदर टपकने लगता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने शहर में चलने वाली परिवहन सेवाओं का हाल जाना तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं। कुछ बसों की छतों में छेद दिखाई दिए, फ‌र्स्ट एड बॉक्स तो दूर की बात है। चालक और कंडक्टर यूनिफार्म तक नहीं पहनते हैं।

स्टैंड में बैठने को जगह नहीं

मधुबनी की यात्रा करने वाले यात्री दिनेश लाल ने बताया कि बांकीपुर बस स्टैण्ड पर यात्रियों को बैठने के लिए परिवहन विभाग की ओर से सही व्यवस्था नहीं किया गया है। मुसाफिर खाने में लगी आधे से अधिक कुर्सियां टूट गई हैं। कुछ कुर्सियों पर अनुबंधित बसों के कर्मचारी कब्जा जमाए हुए हैं।

Posted By: Inextlive