सीरिया के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पर मुहर लगाई है जो सीरिया पर बाध्यकारी होगा.


न्यूयॉर्क में हुई एक बैठक के दौरान 15 सदस्यों वाले सुरक्षा परिषद ने उस मसौदे पर सहमति की मुहर लगा दी जिसके लिए अमरीका और रूस पहले ही हामी भर चुके हैं.पिछले महीने 21 अगस्त को सीरिया में हुए कथित रासायनिक हमले के बाद अमरीका ने सीरिया पर हमले की धमकी दी थी. रूस ने अमरीकी हमले की धमकी का विरोध किया था, जिसके बाद दोनों के बीच सीरिया के रासायनिक हथियारों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में रखे जाने पर समझौता हुआ था.इस प्रस्ताव पर सहमति के साथ ही संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में सीरिया के मसले पर क़रीब ढाई साल से बनी गतिरोध की स्थिति खत्म हो गई है जहां सरकार और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष जारी है.
अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं ने 2014 के मध्य तक सीरिया के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने की योजना पर सहमति जताई उसके बाद सुरक्षा परिषद में मतदान कराने का फ़ैसला किया गया.


कैसा है प्रस्तावसंयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की निंदा की गई है लेकिन कोई आरोप नहीं लगाया गया है.

इस प्रस्ताव में दो अहम मांग रखी गई है कि सीरिया को अपने रासायनिक हथियार छोड़ने होंगे और ऐसे हथियारों की जांच करने वाले विशेषज्ञों को बिना किसी रोक-टोक के सीरिया में आने-जाने की अनुमति दी जानी चाहिए.हालांकि इस मसौदे में यूएन चार्टर के चैप्टर 7 का संदर्भ भी दिया गया है जो पहले संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इसकी जांचकर्ताओं की टीम सीरिया में हुए तीन कथित रासायनिक हथियारों के हमले की जांच कर रही है जो दमिश्क के 21 अगस्त के हमले के बाद हुआ.इस हमले में कथित तौर पर सैकड़ों लोग मारे गए और फिर अमरीकी सैन्य कार्रवाई का ख़तरा बढ़ गया.ये तीन हमले भी उन सात कथित रासायनिक हमले में शामिल हैं जिनकी जांच यूएन की टीम कर रही है.यूएन ने अपने एक बयान में कहा कि 25 सितंबर को सीरिया में इसकी टीम दूसरी बार गई और उम्मीद है कि यह टीम 30 सितंबर तक अपना काम ख़त्म कर लेगी.यह टीम एक विस्तृत रिपोर्ट पर काम कर रही है जो अक्टूबर तक तैयार हो जाएगी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh