- गोरखपुर यूनिवर्सिटी में अब तक नहीं पकड़े जा सके हैं नकल माफिया

- पेपर लीक की जांच करने पहुंचे लोगों को मिले थे सबूत

- अब तक नहीं डिक्लेयर किया जा सका है लोगों का नाम

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पेपर लीक की जांच के बाद उसके रिजल्ट से अब तक पर्दा नहीं उठ सका है। 150 दिन से जांच पर जांच हुई जा रही है, लेकिन अब तक न तो इसका खुलासा हो सका है और न ही शातिरों पर कोई कार्रवाई ही हुई है। हालत यह है कि यूनिवर्सिटी में गुरुवार से बैकपेपर और अंकसुधार के एग्जाम भी शुरू होने को हैं, जिसमें करीब 18 हजार स्टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं। ऐसे में अब शूचितापूर्ण एग्जाम हो ही जाएगा, यह एक बड़ा सवाल है। हालांकि यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने इस बार सीसीटीवी कैमरों के साथ ऑडियो रिकॉर्डर लगवाने के भी निर्देश दिए हैं।

अप्रैल में ही करीब पहुंची थी एसटीएफ

डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पेपर लीक मामले में जांच कर रही एसटीएफ अप्रैल में ही शातिरों के करीब पहुंच गई थी। उस दौरान उन्होंने प्राइमरी जांच में कुछ ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनकी लाइफ स्टाइल चंद साल में काफी चेंज हुई है और प्रॉपर्टी में भी काफी इजाफा हुआ है। बहरहाल यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार यह उम्मीद जता रहे थे कि एसटीएफ मामले का खुलासा अप्रैल के आखिर में कर देगी और गुनाहगार सलाखों के पीछे होंगे। लेकिन इसके बाद से छह माह बीत चुका है और अब तक रिजल्ट का इंतजार ही है।

आ चुकी है एफएसएल की रिपोर्ट

यूनिवर्सिटी में लीक हुए क्वेश्चन पैकेट्स की सघन जांच की गई थी। इस दौरान जांच करने आई फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) की टीम ने प्रारंभिक जांच में पैकेट्स में छेड़छाड़ होने का संदेह जताया था। पुष्टि के लिए फॉरेंसिक एक्सप‌र्ट्स इस कॉलेजेज के क्वेश्चन पैकेट के साथ अन्य कॉलेजेज के पैकेट भी जांच के लिए लखनऊ ले गए थे। इसकी रिपोर्ट भी आ गई थी और आरोपियों से कई राउंड पूछताछ भी हुई थी, लेकिन अब तक कार्रवाई के नाम पर एक गिरफ्तारी भी नहीं हुई और न ही किसी के खिलाफ कोई चार्ज शीट ही तैयार की गई थी।

20 घंटे में लीक हुए थे दो पेपर

16 अप्रैल की देर शाम बीएससी मैथ्स का पेपर आउट होने के बाद अगली सुबह बीए सेकेंड इयर सोश्योलॉजी का पेपर भी एग्जाम शुरू होने से पहले ही स्टूडेंट्स के हाथों में पहुंच गया था। सकते में आए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने एग्जाम शुरू होने से छह घंटे पहले परीक्षा रद करने का फैसला लिया। 20 घंटों में ताबड़तोड़ दो पेपर आउट हो जाने से पूरे यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन में हड़कंप मच गया। वहीं तीसरे पेपर के भी लीक होने की अफवाह मार्केट में फैल गई थी, लेकिन जांच में वह मैच नहीं हुआ, जिसकी वजह से उसका एग्जाम निरस्त नहीं किया गया।

मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई है, वहीं इसका खुलासा करेंगे। यूनिवर्सिटी ने अपने लेवल से सभी जरूरी दस्तावेज उन्हें मुहैया करा दिए है।

- डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह, एग्जामिनेशन कंट्रोलर

Posted By: Inextlive