- छात्रों ने एक तरफ तो दूसरी तरफ शिक्षक संघ ने खोला मोर्चा

- सीएम को सौंपा मांगपत्र, उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग

- वहीं तत्काल गिरफ्तारी पर भी रोक लगाने के लिए दी दरख्वास्त

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलर के सुसाइड अटेंप्ट के बाद राजनीति गर्म होती जा रही है। एक तरफ जहां कार्रवाई की मांग लेकर छात्र लामबंद हो रहे हैं और कार्रवाई के लिए यूनिवर्सिटी को सोमवार शाम तक का वक्त दिया है, वहीं दूसरी तरफ अब शिक्षक संघ भी फ्रंटफुट पर आ गया है। उन्होंने इस मामले में दखल देते हुए सीएम से मुलाकात कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वहीं जांच होने तक उन्होंने दो आरोपी शिक्षकों को गिरफ्तार न किए जाने की भी मांग रखी है।

सीएम से मिले शिक्षक

यूनिवर्सिटी फिलॉस्फी डिपार्टमेंट के स्टूडेंट की ओर से किए सुसाइड अटेंप्ट के मामले को लेकर शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिला। इस दौरान उन्होंने सीएम को पत्रक सौंपा, जिसमें बताया कि रिसर्च स्कॉलर दीपक कुमार की ओर से एचओडी प्रो। द्वारकानाथ और प्रो। सीपी श्रीवास्तव के खिलाफ जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल और प्रताणित करने का निराधार आरोप लगाया गया है। शिक्षक संघ का कहना था कि रिसर्च स्कॉलर एक सितंबर 2018 को शोध छात्र के तौर पर पंजीकृत हुआ। महज एक माह से भी कम पीरियड में दीपक का लगाया गया प्रताड़ना का अरोप समझ से परे है। उन्होंने मांग की है कि दीपक के पिता ने जो कैंट थाने में तहरीर दी है, उसको लेकर उच्चस्तरीय जांच हो और जांच होने तक दोनों ही शिक्षकों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।

छात्रों ने दी है आंदोलन की चेतावनी

एक तरफ जहां शिक्षक संघ डीन और एचओडी के पक्ष में खड़ा है, वहीं दूसरी ओर स्टूडेंट्स ने रिसर्च स्कॉलर के फेवर में मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने वीसी प्रो। वीके सिंह से मुलाकात कर डीन और एचओडी पर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना था कि रिसर्च स्कॉलर ने कई बार यूनिवर्सिटी से इसकी शिकायत की थी, लेकिन यूनिवर्सिटी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसकी वजह से उसे जहर खाना पड़ा। स्टूडेंट्स ने मांग रखी है कि अगर रविवार शाम तक कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो छात्र सोमवार को आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ऐसी स्थिति में अब यूनिवर्सिटी कौन सा रवैया अपनाती है, यह देखने वाली बात है।

Posted By: Inextlive