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-यूपी बोर्ड ने एक साल के भीतर 1975 तक का डेटा अपलोड करने का किया था दावा

-नहीं अपलोड हो सका पिछले साल के स्टूडेंट्स की मार्कशीट का डेटा

यह थी प्लानिंग

-30 अक्टूबर 2017 तक 2003 के पूर्व के तीन वषरें तक का डेटा करना था अपलोड.

26 जनवरी 2018 तक पिछले 10 वर्ष का डेटा करना था अपलोड.

15 अगस्त 2018 तक 1975 तक का डेटा करना था अपलोड.

prakashmani.tripathi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: यूपी बोर्ड से ऑनलाइन मार्कशीट लेने या ऑनलाइन डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा. बोर्ड की महत्वाकांक्षी योजना बड़े-बड़े दावों के बाद भी फिलहाल जमीन पर उतरती दिखाई नहीं दे रही है. इसको पूरा होने में अभी लंबा समय लगेगा. यूपी बोर्ड में दो साल से डेटा अपलोड करने की चल रही प्रक्रिया के बाद भी अभी तक सिर्फ 2003 तक का डेटा अपलोड हो सका. जबकि बोर्ड की तरफ से दावा किया गया था कि 15 अगस्त 2018 तक 1975 तक का डेटा और मार्कशीट अपलोड हो जाएगा.

2003 के पहले का डेटा होना था अपलोड

यूपी बोर्ड की महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत 1975 तक का डेटा डिजिटलाइज करके उसे अपलोड करने की प्लानिंग की थी. बोर्ड की तरफ से 2017 में शुरू की गई प्रक्रिया के अन्तर्गत 15 अगस्त 2018 तक पूरे एक साल का डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया शुरू भी की गई थी. सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद प्राइवेट एजेंसी को कांट्रैक्ट भी दे दिया गया था. लेकिन उसके बाद भी अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. इस बारे में बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि सभी तैयारी सही ढंग से चल रही थी. लेकिन बजट की कमी के कारण समय से प्रक्रिया पूरा करने में दिक्कत आ रही थी. शासन को बजट के लिए पत्र भी भेजा गया था, लेकिन अभी तक शासन की तरफ से बजट स्वीकृत नहीं हो सका.

वर्जन

बजट की कमी के कारण कुछ दिक्कत हुई थी. बजट ग्रांट होते ही आगे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कार्य शुरू हो जाएगा.

-नीना श्रीवास्तव

सचिव, यूपी बोर्ड

Posted By: Vijay Pandey