- दिल्ली में राज्यपालों के सम्मेलन में बोले राम नाईक

- कुलपति का कार्यकाल पांच साल करने का सुझाव

LUCKNOW: राज्यपाल राम नाईक ने सूबे के चौदह शहरों को स्मार्ट सिटी बनाये जाने की वकालत की है। मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपाल सम्मेलन में प्रदेश के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर उन्होंने अपनी राय रखी। सम्मेलन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित अन्य सभी प्रदेशों के राज्यपाल एवं उप राज्यपाल शामिल हुए।

13 की जगह 14 हो स्मार्ट सिटी

सम्मेलन में नाईक ने कहा कि यूपी से 13 के स्थान पर 14 स्मार्ट सिटी चयनित की जाए। मेरठ एवं रायबरेली के नागरिकों में कोई भ्रम न हो इसलिए दोनों शहरों को स्मार्ट सिटी में सम्मिलित करने पर विचार हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। शिक्षकों की नियुक्ति के बिना उच्च शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं लाया जा सकता। कुलपतियों का कार्यकाल तीन साल होना शिक्षकों की नियुक्ति न हो पाने का एक कारण हो सकता है। राष्ट्रपति अपने स्तर से मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक बुलाकर विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यकाल पांच वर्ष करने पर विचार करें। सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति का कार्यकाल पांच वर्ष का है।

ड्रेस कोड बदलने की सराहना

नाईक ने सम्मेलन में कहा कि विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में ड्रेस कोड परिवर्तन कर भारतीय परिधान अपनाने की व्यापक स्तर पर सराहना हुई है और अच्छी प्रतिक्त्रियाएं सामने आयी हैं। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री अपने स्तर से प्रयास करें कि सभी राज्यों में कुष्ठ पीडि़तों को समान निर्वहन भत्ता मिले। यूपी सरकार ने कुष्ठ पीडि़तों का निर्वहन भत्ता उनके सुझाव पर रूपये 2,500 प्रतिमाह कर दिया है।

दिशा-निर्देशों पर पुनर्विचार

नाईक ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा राज्य विधान मण्डल में एकरूपता लाने के लिए जो दिशा निर्देश जारी किये गये थे, उस पर पुनर्विचार करके विधि मण्डल के कार्य की गरिमा बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा जारी दिशा निर्देश को आदेश मानकर पालन करना चाहिए। वहीं डिजिटल इंडिया पर बोले कि राज्यपालों एवं उनके कार्यालय के लेटर हेड पर वेबसाइट व ई-मेल का भी उल्लेख हो। इसी प्रकार अन्य सरकारी विभागों के लेटर हेड पर भी ऐसी जानकारी का उल्लेख होना चाहिए।

Posted By: Inextlive