- यूपी बलिया के सूर्यगढ़ा गांव से कई सालों से आ रहे हैं छठ व्रत करने

- दारोगा राय पथ पर तंबू लगाकर रहती हैं, घाटों पर जाकर करती हैं पूजा अर्चना

- 150 लोग इस बार भी गंगा के किनारे भगवान भास्कर को देंगी अ‌र्घ्य

PATNA : बीस साल पुरानी कहानी है। जब यूपी के सूर्यगढ़ा की फैमिली के कुछेक लोग पटना छठ के मौके पर आए थे। उनमें से एक मेल मेंबर को कई तरह की बीमारी थी। यहां पर पूजा अर्चना करने के बाद जैसे ही वो सूर्यगढ़ा गांव गए तो उनकी बीमारी दूर हो गई। तब से अब तक धीरे-धीरे इस गांव के लोग हर साल एक दूसरे के साथ आते गए और पूजा अर्चना के लिए यहां पर जुटना शुरू कर दिया। पहले गंगा के घाटों पर ही रहते थे। लेकिन जब से घाटों पर व्यवस्था बेहतर नहीं होने लगी तब से ये लोग दारोगा राय पथ पर तंबू डालकर रहना शुरू किया। इन लोगों की तादाद इस बार क्भ्0 के आसपास है। ये लोग दीवाली के दिन से ही यहां पर आने की तैयारी में जुट जाते हैं जो कुछ भी खरीद पाते हैं वहां से लाते हैं। रेस्ट सारा सामान, पकवान से लेकर दउरा तक की खरीदारी यहीं पर करते हैं। चालीस साल की वैजयंती देवी ने बताया कि परेशानी तो आती है। मगर छठी मईया के लिए सारी परेशानी झेलने के लिए तैयार रहते हैं। कई दफा तो कइयों के पास पैसा खत्म हो जाता है तो सभी लोग मिलकर उसे पूरा कर देते हैं।

छठी मईया की पूजा मांगकर करने से होती है बरकत

साठ वर्षीय काली देवी ने बताया कि वो बीस सालों से आ रही हैं। इस दौरान कई बार उसके पास पैसे नहीं रहते हैं तो वो सूर्यगढ़ा के लोगों से मांगकर भी छठ करने आती हैं। कई दफा यहां पर आने के बाद भी मांगकर पूजा की हूं। इसमें कोई शर्म नहीं है। छठी मईया के व्रत को लेकर किसी भी तरह की परेशानी अधिक समय तक नहीं रहती है। छठी मईया खुद उसे दूर करने के लिए जुट जाती हैं। वहीं गंगा घाट पर भीड़ अधिक होने से अब आसपास के घाटों पर जाकर भी छठ व्रत हमलोग करते हैं।

नहाय खाय से लेकर अ‌र्घ्य डालने तक

सूर्यगढ़ा से आए राजीव कुमार ने बताया कि नहाय खाय से पहले ही आकर हमलोग तंबू डाल देते हैं। इसके बाद यहीं पर रहकर छठ व्रती पूरी विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। जिन्हें गंगा घाट जाना होता है। वो गंगा घाट जाती है जिन्हें आसपास के तालाब में जाकर पूजा करना होता है वो वहीं पर जाते हैं। पूजा अर्चना समाप्त होने के बाद हमलोग सभी पटना से सूर्यगढ़ा की ओर निकल जाते हैं। इस दौरान किसी भी तरह की परेशानी आने पर एक दो दिन रुक भी जाते हैं। इन लोगों ने बताया कि हमलोगों की तादाद अधिक रहती है। अगर गवर्नमेंट थोड़ा ध्यान दे और छठ पूजा तक रहने का कोई अरेंजमेंट करवा दे तो परेशानी कम आएगी।

Posted By: Inextlive