UP CPMT के results आ चुके हैं. लखनऊ के शुभम अग्रवाल ने इसमें first rank हासिल की है. अव्वल रैंक पाने से शुभम और उनके घर वाले खुश तो बहुत हैं पर admission वे CPMT के थ्रू नहीं लेना चाहते. फिलहाल वे दिल्ली के मौलाना आजाद कॉलेज में एडमिशन ले चुके हैं और अब AIIMS results का इंतजार कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही इरादा दूसरी रैंक पाने वाली गरिमा शर्मा और थर्ड प्लेस पर रहे केशव अग्रवाल का है. CPMT rank से एडमिशन लेना इन दोनों की भी लास्ट च्वाइस है. ऐसे में UP के कॉलेजों में toppers एडमिशन लेंगे ही नहीं


Lucknow: उत्तर प्रदेश कम्बाइंड प्री मेडिकल टेस्ट में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स के लिए सीएसएमएमयू फस्र्ट च्वाइस नहीं है। लगभग सभी कैडिडेट्स ने ऑल इंडिया पी.एम.टी., ऐम्स और जीआईपीएमईआर में भी एग्जाम दिया था और कई ने तो इसमें सीट भी हासिल कर ली है। सबके मन में खुशी तो है कि उन्होंने सीपीएमटी में शानदार नतीजे दिए हैं पर सीपीएमटी के थ्रू सीट क्लेम करना उनकी लास्ट च्वाइस है.
टॉपर शुभम अग्रवाल का कहना है कि मुझे खुशी है कि मैंने टॉप किया पर इसके साथ ही मेरी आल इंडिया पीएमटी में भी 24वीं रैंक आई है और मुझे दिल्ली के मौलाना आजाद कॉलेज में सीट भी मिल गयी है पर मेरी पहली पसंद ऐम्स है और उसके नतीजों का मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं.
 सीपीएमटी में तीसरा स्थान पाने वाले केशव अग्रवाल का कहना है कि मेरी पहली पसंद ऐम्स है। इसके अलावा एआईपीएमटी में मेरी 23वीं रैंक आयी है। साथ ही जीआईपीएमईआर में 46वीं रैंक आई है तथा सीएमसी वेल्लूर में भी क्वालीफाई कर लिया है। जब सबसे ये पूछा गया कि आखिर क्यों सीएसएमएमयू उनकी टॉप च्वाइस नहीं है तो कैंडिडेट्स ने बताया कि ऐम्स जैसे बड़े इंस्टीट्यूट में बेहतर एक्सपोजर मिलता है.
कामयाबी हमेशा मेहनत और डेडिकेशन पर डिपेंड करती है पर फैक्ल्टी का रोल भी अहम होता है और शायद इसीलिए लोग बड़े इंस्टीट्यूट्स को प्रीफर करते हैं। यह कहना है गरिमा शर्मा का जिन्होंने सीपीएमटी में दूसरा स्थान प्राप्त किया है.
वहीं 6वां स्थान प्राप्त करने वाले हिमांशु फिलहाल पुने में एएमसी का टेस्ट देने गए हुए हैं। उनकी मां सुधा शाक्या ने बताया कि फिलहाल उनका बेटा ऐम्स के रिज्ल्ट का वेट कर रहा है और अगर कहीं नहीं हुआ तो ही वो सीएसएमएमयू का रुख करेंगे। उत्तर प्रदेश में केवल एक मेडिकल युनिवर्सिटी और 6 मेडिकल कॉलेज हैं पर तब भी स्टूडेंट्स के लिए ये तीसरे या चौथे नम्बर की च्वाइस बना हुआ है। पिछले कुछ सालों में सीएसएमएमयू की रैकिंग में भी कमी आयी है.
होनहार बिरवान के होत चीकने पात, यह कहावत लखनऊ के शुभम अग्रवाल ने पीएमटी में अव्वल आकर बिल्कुल सही साबित की है। हमेशा से पढ़ाई का शौक रखने वाले सेंट फ्रांसिस स्कूल के स्टूडेंट शुभम ने अपने माता पिता मीनू और शरद अग्रवाल का सपना पूरा करने के लिए दसवीं के बाद से ही पीएमटी की कोचिंग ज्वाइन कर ली थी.
अलीगंज स्थित आकाश इंस्टीट्यूट से दो साल कोचिंग और अपने डेडिकेशन की वजह से ही शुभम ने अपने घरवालों और दोस्तों का सिर गौरव से ऊंचा किया है। आई नेक्स्ट से बात करते हुए शुभम ने कहा, 'मेरे लिए मेरे पेरेन्ट्स ही सबसे बड़ी इंस्पिरेशन थे और आज उन्ही की वजह से मैं इस मुकाम पर पहुंच पाया हूं.
मैंने कभी भी पढ़ाई को बोझ की तरह नहीं लिया और इसे एंज्वाय किया है। साथ ही मैं अपने दोस्तों और घरवालों को भी पूरा टाइम देता था। ज्यादातर मेरी पढ़ाई रात को होती थी क्योंकि रात को शांति होती है और डिस्टर्बेंस भी कम होती है। शुभम की मां मीनू अग्रवाल ने बताया,'शुभम को हमेशा से ही पढने का शौक था फिर चाहे वो कॉलेज की किताबें हों या फिर नॉवेल्स। शुभम अक्सर रात में देर तक पढ़ता था और कई बार तो मुझे उसे टोकना पड़ता था कि अब बस करो पढ़ाई। हमें गर्व है कि हमारे बेटे ने टॉप किया और हम बस यहीं चाहते हैं कि वो एक सफल डॉक्टर बनें और लोगों की सेवा करे.Ó

Posted By: Inextlive