Bareilly:आपको जानकर आश्चर्य होगा कि रोस्टिंग से इनदिनों बिजली विभाग का स्टाफ भी खासा परेशान है. जेई मौके पर मीटर की चेकिंग के लिए पहुंचते हैं और बिजली गुल रहती है. ऐसे में क्लेक्शन पर प्रभाव पड़ रहा है. यह क्लोजिंग मंथ है और यूपीपीसीएल पर कलेक्शन करने का दबाव दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि अधिकारियों को मय अमला सड़क पर उतरना पड़ा और सड़क किनारे क्लेक्शन पॉइंट बनाना पड़ा है.


स्टाफ की भी है कमी लम्बे समय से डिपार्टमेंट में नई भर्ती नहीं हुए है। यूपीपीसीएल खंड फस्र्ट और टू में स्टाफ का टोटा है। ऐसे में कलेक्शन प्वॉइंट डिसाइड करते समय भी एक से ज्यादा कलेक्शन प्वॉइंट नहीं लगाये जा सकते हैं। एसडीओ फस्र्ट एके चौधरी बताते हैं कि उनके पास स्टाफ की कमी है इसलिए वह एक से ज्यादा कलेक्शन प्वॉइंट नहीं लगा सकते है.  बिना बत्ती कैसे हो चेकिंग 


यूपीपीसीएल के अधिकारियों ने एक मंथ पहले सिटी में कलेक्शन कैम्प के साथ डोर टु डोर वसूली अभियान का आगाज किया था। अभियान में प्रॉब्लम तब सामने आई जब जेई मौके पर मीटर की चेकिंग के लिए पहुंचते और बिजली गुल मिलती थी। रोस्टिंग के कारण इस अभियान की हवा कुछ ही दिनों में निकल गई। अब 13 मार्च से चल रहे चेकिंग अभियान के दौरान भी ऑफिसर्स के सामने यही प्रॉब्लम खड़ी है। खुद ऑफिसर्स मानते है कि बिना बिजली वो ऐसे अभियान नहीं चला सकते हैं।रोस्टिंग बनी रोड़ा

दरअसल सिटी में लागू यूपीपीसीएल की रोस्टिंग के एकॉर्डिंग दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक कटौती की जाती है। खास बात यह है कि विभागीय ऑफिसर्स इसी समय में कलेक्शन अभियान चलाते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक ऑफिसर ने बताया कि  यूपीपीसीएल को क्लोजिंग का टारगेट मिला हुआ है लेकिन खुद मंडल स्तर से रोस्टिंग टाइम में नॉर्मल काम भी नहीं हो पा रहे हैं। अब स्थिति ऐसी है कि आधा मंथ बीत चुका है और कलेक्शन आधा भी नहीं हो सका है।ये सही है कि रोस्टिंग से काम डिस्टर्ब हो रहा है लेकिन इस तरह के डिसिजन मंडल स्तर पर डिसाइड होते हैं। 13 मार्च से 10 अप्रैल तक कलेक्शन अभियान चलाया जा रहा है। रोस्टिंग के बावजूद कलेक्शन और चेकिंग अभियान पूरा कर लिया जाएगा।-हरीश चंद्रा, चीफ इंजीनियर

Posted By: Inextlive