Gorakhpur: गोरखपुराइट्स को महानगर विद्युत वितरण निगम झटका देने से बाज नहीं आ रहा है. बिजली को लेकर हर दिन एक नई परेशानी का सामना कर रहे लोगों के सामने बिजली विभाग ने एक नई परेशानी खड़ी कर दी है. सिटी के 15 से 20 हजार कंज्यूमर्स के यहां नवंबर और दिसंबर माह का बिल गड़बड़ दे दिया है. अब कंज्यूमर्स इसे ठीक कराने के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. इतनी बड़ी मात्रा में लोगों के घर गलत बिल कैसे पहुंचा जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इसकी पड़ताल की तो सच्चाई चौंकाने वाली थी. पता चला कि बिल निकालने वाली कंपनी और कॉर्पोरेशन की लापरवाही का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है. और तो और जब इस मामले में कॉर्पोरेशन और बिलिंग कंपनी के अधिकारियों से बात की गई तो दोनों एक दूसरे पर दोषारोपण कर अपना पल्ला झाड़ते रहे.


यूं आता है आपका गलत बिलसिटी में कॉर्पोरेशन के 1 लाख 42 हजार कंज्यूमर्स हैं। इनकी बिलिंग का जिम्मा मेट्रो इंफोटेक कंपनी के जिम्मे है, लेकिन कंपनी के कर्मचारी चौराहे पर एक जगह बैठकर पूरे मोहल्ले का बिल निकाल देते हैं, जबकि उन्हें घर-घर जाकर रीडिंग करनी होती है। वहीं सिटी के बाहरी इलाकों के कंज्यूमर्स का बिल चार से पांच माह बीतने पर भी कोई निकालने नहीं जाता। इन इलाकों के कंज्यूमर्स जब कॉर्पोरेशन के पास जाते हैं तो वह रीडिंग लाने की बात कहते हैं। गोलघर के एक्सईएन एके सिंह ने कुछ दिन पहले बिलिंग कंपनी से लिखित रूप में रानीबाग एरिया में टेबल रीडिंग की शिकायत भी की थी। इस शिकायत की कंपनी ने जांच की जिसमें एक कर्मचारी की गलती भी पकड़ में आई, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ।पब्लिक को लग रहा चूना


इंफोटेक कंपनी की कर्मचारियों की लापरवाही से पब्लिक की जेब कट रही है वहीं इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन को फायदा हो रहा है। अगर एक घरेलू कनेक्शन का छह माह तक बिल नहीं निकलता तो पांच माह के बिल पर कंज्यूमर्स को दो प्रतिशत सरचार्ज देना होता है। इस तरह पब्लिक का समय और पैसा दोनों बरबाद हो रहा है।फील्ड अफसर करते हैं कंपनी का विरोध

इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के जेई प्रदीप दूबे का कहना है कि अभी तक किसी ने भी लिखित रूप में बिलिंग कंपनी की शिकायत नहीं की है, लेकिन जब भी मीटिंग होती है तो उसमें सभी लोग कंपनी का विरोध करते हैं। कंपनी वाले सही बिलिंग नहीं कर रहे हैं, यह सभी जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इससे कॉर्पोरेशन का राजस्व सीधे प्रभावित हो रहा है। बिलिंग कंपनी और कॉर्पोरेशन में एग्रीमेंटबिलिंग कंपनी और कॉर्पोरेशन के बीच 1 दिसंबर 2012 से 30 नवंबर 2014 तक बिल निकालने के लिए एग्रीमेंट हुआ है। एक बिल निकालने पर कॉर्पोरेशन बिलिंग कंपनी को 4.12 रुपए देती है, जबकि कंपनी बिल निकालने वाले कर्मचारी को 2 रुपए 60 पैसा देती है। उसके बाद भी बिलिंग कंपनी सही तरह से काम नहीं कर रही है जिसका खामियाजा कंज्यूमर्स को भुगतना पड़ रहा है। क्या है गलत बिलआरडीएफ (रीडिंग डिफेक्टिव)- इसमें मीटर रीडिंग गलत फीड हो जाता है।- एडीएफ(अपीयर्स डिफेक्टिव)- यह मीटर बदलने के बाद मीटर सेक्शन द्वारा मीटर नंबर का डाटा फीड नहीं किया जाता है।- सीडीएफ (क्यूलेटिक डिफेक्टिव)- यह गलत बिल कंज्यूमर्स के कारण होती है। इसमें कंज्यूमर्स क्षमता से अधिक का उपयोग करने लगते हैं।

- आईडीएफ(इंशुमेंट डिफेक्टिव)- इसमें मीटर बंद रहने के कारण बिल बनता है।हमारे यहां से लगभग 11 से 12 हजार गलत रीडिंग हुई हैं। इसमें आरडीएफ, सीडीएफ, आईडीएफ सभी तरह के बिल निकले हैं। इसके अलावे गलत बिल कॉर्पोरेशन से निकले होंगे।आरएन सिंह, मैनेजर, मेट्रो इंफोटेक कंपनीमाह के अंत में कंपनी वालों को 1 लाख 19 हजार बिलिंग करने का टारगेट दिया जाता है। उसे ही पूरा करने के चक्कर में गलत बिल निकल जाते हैं।एसपी पांडेय, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम, गोरखपुर

Posted By: Inextlive