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PRAYAGRAJ: पीसीएस 2018 मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थियों ने आयोग से 17 जून से प्रस्तावित मुख्य परीक्षा टालने की मांग की है. अभ्यर्थियों का कहना है कि इसकी प्री परीक्षा 28 अक्टूबर 2018 को करवाई गई तथा परिणाम बीते 30 मार्च को जारी किया गया. इससे परीक्षार्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है. जबकि मुख्य परीक्षा का नवीन पाठ्यक्रम यूपीएससी के पाठ्यक्रम से 20 से 25 फीसदी ज्यादा है. इनका कहना है कि प्री का परिणाम समय पर न निकालने का खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.

चार माह तक अतिरिक्त समय देना चाहिए

हर्षवर्धन पाठक, प्रवीण सिंह, विवेक सिंह, कय्यूम खान, संजय यादव, दीप नारायण पांडे, रंजीत गुप्ता आदि का कहना है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने भी बदले हुए पाठ्यक्रम के कारण प्रतियोगियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए अतिरिक्त समय दिया है. 2013 में यूपीएससी ने मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया था तो उसने भी प्री के परिणाम के बाद तैयारी के लिए 04 माह का अतिरिक्त समय दिया था.

मुख्य परीक्षा में परिवर्तन से प्रभावित अभ्यर्थियों को करें शामिल

उधर, अपट्रान चौराहा गोविन्दपुर में पीसीएस परीक्षा प्रणाली एवं पाठ्यक्रम में परिवर्तन के चलते प्रभावित प्रतियोगियों को पीसीएस 2019 एवं 2020 में सम्मिलित किए जाने को लेकर सिद्धार्थ मिश्र के नेतृत्व में सभा हुई. इसमें कहा गया कि आयोग ने पीसीएस 2018 परीक्षा प्रणाली में 100 फीसदी परिवर्तन किया है. जिसके चलते सी-सैट प्रभावितों को मिले दो अतिरिक्त अवसरों में एक परिवर्तन की भेंट चढ़ गया. ऐसे में मौजूदा परिवर्तन से प्रभावित अभ्यर्थियों को पीसीएस 2019 एवं 2020 परीक्षा में शामिल किया जाए. सभा में राजेश नाथ तिवारी, राजीव त्रिपाठी, बागीश कुमार मिश्र, राजकुमार, संजय राय, संजय पांडेय, हेमंत राय, ज्ञानेन्द्र पांडेय, रामजनक मौर्य, द्विजेन्द्र सोनी, रजनीकांत मिश्र, हरिनाम सिंह, कृष्ण कुमार शुक्ल, नदीम आदि शामिल रहे.

Posted By: Vijay Pandey