शहाबुद्दीन से जेल में मंत्री की मुलाकात पर विपक्ष का हंगामा

विपक्ष ने की मंत्री के इस्तीफे की मांग

PATNA: बुधवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। सीवान जेल में शहाबुद्दीन से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री की मुलाकात को लेकर विपक्ष ने अब्दुल गफूर के इस्तीफे की मांग करते हुए सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। इस मामले को लेकर विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर प्ले कार्ड लहराया और टेबल को पीटते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही शुरू होने के महज ख्भ् मिनट बाद ही लंच तक के लिए सदन की बैठक स्थगित कर दी गई।

विपक्ष ने की न्यायिक जांच की मांग

सदन में प्रतिपक्ष के नेता डॉ। प्रेम कुमार ने किसी रिटायर्ड जज से मामले की न्यायिक जांच कराने और मंत्री से अविलंब इस्तीफा लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि मो। शहाबुद्दीन से मंत्री की मुलाकात पर पहले राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए, तभी सदन की कार्यवाही चलेगी। प्रेम कुमार ने सरकार से पूछा कि मंत्री ने जेल में शहाबुद्दीन से किस हैसियत से मुलाकात की। इसके लिए क्या मंत्री ने सरकार से अनुमति ली थी और क्या जेल मैनुअल का पालन किया गया। बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप हैं।

स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने प्रतिपक्ष के नेता से कहा कि वे पहले अपने सदस्यों को वेल से उनकी निर्धारित जगह पर बुलाएं तब अपनी बात रखें, लेकिन नेता प्रतिपक्ष अपनी बात पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि पहले सरकार को जवाब देना चाहिए तब वेल से सदस्यों को बुलाएंगे। उसके बाद अध्यक्ष ने कार्यवाही शुरू करते हुए अल्पसूचित और तारांकित प्रश्न को लिया और संबंधित सवालों पर राज्य सरकार का जवाब भी हुआ, मगर हंगामे की वजह से कुछ सुना नहीं जा सका। दिलचस्प यह कि विपक्ष के हमले का सत्तापक्ष ने कोई जवाब नहीं दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उस वक्त सदन में मौजूद नहीं थे, लेकिन विपक्षी सदस्य उनके खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

राजबल्लभ की गिरफ्तारी मामले पर भी हुआ हंगामा

विपक्ष ने सरकार को अब्दुल गफूर के साथ राजबल्लभ और सरफराज आलम के मसले पर घेरा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दुष्कर्म के आरोपी राजद विधायक राजबल्लभ यादव की गिरफ्तारी मामले में राज्य सरकार विफल रही है। प्रेम कुमार ने सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जेलों में अपराधी दरबार लगा रहे हैं, उसमें सत्ता पक्ष के मंत्री व विधायक शामिल हो रहे हैं। इससे जनता में भय का माहौल है। उनका आरोप था कि जदयू विधायक सरफराज आलम ने राजधानी एक्सप्रेस में महिला से छेड़खानी किया, लेकिन सरकार ने उस मसले को भी रफा-दफा कर दिया।

विपक्ष के आरोपों पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि संसदीय व्यवस्था और लोकतंत्र में नेता प्रतिपक्ष का विश्वास ही नहीं है। कार्य संचालन नियमावली में किसी भी विषय को उठाने का प्रावधान है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष इसके तहत मुद्दे उठाने की बजाय हर दिन प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण को बाधित कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive