- एसआईटी की रिपोर्ट में उल्लेख, कई अभ्यर्थियों को पहुंचाया अनुचित लाभ

- एसआईटी की टीम लगा रही सुराग, किन अभ्यर्थियों की हुई थी सिफारिश

- इंटरव्यू में कुछ अभ्यर्थियों को दिए गये नंबर एसआईटी ने पाये संदिग्ध

LUCKNOW :

जल निगम भर्ती घोटाले में पूर्व काबीना मंत्री व सपा के कद्दावर नेता आजम खां पर कानूनी शिकंजा कसने के बाद एसआईटी ने सुबूतों को एकत्र करने का काम तेज कर दिया है। एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि जल निगम के तत्कालीन अधिकारी, अध्यक्ष द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए एपटेक लिमिटेड के साथ मिलकर साजिश रची गयी और भर्ती प्रक्रिया में जमकर मनमानी की गयी। अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। अब एसआईटी जल्द ही उन चयनित अभ्यर्थियों को भी तलब कर बयान दर्ज किया जाएगा जिन्हें दिल खोलकर नंबर बांटे गये। दरअसल एसआईटी संदेह के घेरे में आए अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसकर उनसे घोटाले का सच उगलवाने की तैयारी में है।

जल्द बुलाया जाएगा आजम को

वहीं दूसरी ओर बुधवार को जल निगम भर्ती घोटाले की एफआईआर दर्ज करने के बाद एसआईटी ने आज नये सिरे से घोटाले की कडि़यों को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी। अभी तक मामले की जांच में शामिल एसआईटी के इंस्पेक्टर अटल बिहारी के वादी मुकदमा बनने के बाद विवेचना का कार्य अब दूसरे अफसरों के जिम्मे करने पर भी मंथन हुआ। सूत्रों की मानें तो सोमवार से इस मामले की विवेचना का कार्य तेजी पकड़ लेगा। इस दौरान एसआईटी ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली अपटेक कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा इंटरव्यू बोर्ड में शामिल अफसरों से पूछताछ करेगी, इसके बाद शिकायतकर्ताओं और चयनित अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। तत्पश्चात एसआईटी सभी नामजद आरोपितों को दोबारा तलब कर पूछताछ के बाद फिर से उनका बयान दर्ज करेगी। इसमें आजम खां का नाम भी शामिल है।

डिलीट करा दिया था डाटा

जांच मे यह भी सामने आया कि सहायक अभियंता की परीक्षा में सात प्रश्न और बीस प्रश्नों के उत्तर के सही विकल्प त्रुटिपूर्ण पाए गये थे। जल निगम के एमडी पीके आसूदानी ने इसकी जानकारी होने के बावजूद परीक्षा परिणाम जानबूझकर साजिश के तहत संशोधित नही किया तथा एपटेक लिमिटेड से दुरभि संधि करके परीक्षा का प्राइमरी डाटा जो क्लाउड सर्वर पर सुरक्षित था और घोटाले का अहम साक्ष्य था, उसे डिलीट करा दिया।

कॉल डिटेल की भी होगी पड़ताल

विवेचना के दौरान एसआईटी एपटेक और इंटरव्यू बोर्ड में शामिल अधिकारियों की कॉल डिटेल की पड़ताल भी करने की तैयारी में है। दरअसल इसके जरिए एसआईटी यह पता लगाना चाहती है कि आरोपितों में से कौन-कौन इनके संपर्क में था और अपने पसंदीदा अभ्यर्थियों को ज्यादा नंबर देने की सिफारिश कर रहा था। एसआईटी आरोपितों की संपत्तियों को भी खंगालने की तैयारी में है ताकि यह पता लगाया जा सके कि चयन के नाम पर अभ्यर्थियों से वसूली गयी मोटी रकम को कहां खपाया गया।

ये भी हैं आरोप

- आशुलिपिक की परीक्षा में सफल 32 अभ्यर्थियों का इंटरव्यू न कराकर परीक्षा संबंधी कार्यवाही जानबूझकर निरस्त कर दी गयी।

- भर्ती प्रक्रिया में एपटेक लिमिटेड के एमडी और सचिव नगर विकास एसपी सिंह, ओएसडी सैयद आफाक द्वारा की गयी समस्त अवैधानिक कार्यवाही अध्यक्ष (आजम खां) की मिलीभगत से हुई।

- भर्ती के संबंध में जल निगम की न तो कोई बैठक बुलाई गयी और ना ही कोई अनुमोदन लिया गया।

- एपटेक लिमिटेड का चयन अनाधिकृत रूप से आजम खां को भेजकर कराया गया।

- सहायक अभियंता के चार पदों पर नियुक्ति का आदेश अध्यक्ष से कराने की संस्तुति की गयी।

- एपटेक ने एग्रीमेंट का उल्लंघन किया और परीक्षा के बाद आंसर की ऑनलाइन जारी नहीं की गयी

- कोई प्रबंधकीय अधिकार न होने पर भी भर्ती की पत्रावलियां अध्यक्ष और ओएसडी को भेजी गयी।

- सचिव नगर विकास एसपी सिंह ने वित्त विभाग की अनुमति लिए बगैर भर्ती को मंजूरी दी।

Posted By: Inextlive