'मिशन ओसामा के दौरान ताश खेल रहे थे ओबामा'
नरेंद्र मोदी के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा की तकरार पर बीते हफ़्ते भारतीय ऊर्दू अख़बारों की ख़ास नज़र रही, तो वहीं पाकिस्तान और भारत का तनाव भी बराबर सुर्ख़ियों में है.दैनिक 'हमारा समाज' लिखता है, "हमारे देश के राजनीतिक हालात क्या हैं, ये समझने के लिए स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण ही काफी हैं. एक तरफ प्रधानमंत्री यूपीए की उपलब्धियां गिना रहे थे और देश के दुश्मनों को चुनौती दो रहे थे वहीं मोदी प्रधानमंत्री की हर बात को काट रहे थे."अख़बार के अनुसार ये पहला मौक़ा है जब किसी प्रधानमंत्री के भाषण का किसी ने उसी दिन तुर्की ब तुर्की जवाब दिया है. 'हिंदुस्तान एक्सप्रेस' में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का बयान है कि 'नरेंद्र मोदी को सत्ता की भूख है'.रुला न दे प्याज़
'अख़बार ए मशरिक' ने प्याज़ के बढ़ते दामों पर संपादकीय लिखा है कि 'कहीं प्याज़ शीला दीक्षित की सरकार को रुला न दे'.अख़बार लिखता है कि 1998 में दिल्ली और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्याज़ की बढ़ी क़ीमतों के चलते सत्ताधारी पार्टियों को कुर्सी गंवानी पड़ी थी.
"1998 में दिल्ली और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्याज़ की बढ़ी क़ीमतों के चलते सत्ताधारी पार्टियों को कुर्सी गंवानी पड़ी थी. तभी शीला दीक्षित को दिल्ली की मुख्यमंत्री पद का ताज मिला था और अब जल्द ही दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं और प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं."-अख़बार ए मशरिकतभी शीला दीक्षित को दिल्ली की मुख्यमंत्री का ताज मिला था और अब दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं और प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं.'राष्ट्रीय सहारा' ने केंद्रीय मंत्री तारिक़ अनवर का एक लेख प्रकाशित किया है जिसका शीर्षक है - 'दिल्ली का दिल दुखे तो कराची तड़प उठे'.वो लिखते हैं कि सरहद पर जो कुछ हुआ उसके चलते बातचीत बंद कर देना समझदारी नहीं होगी और बातचीत हर हाल में जारी रहनी चाहिए, तभी लंबित मुद्दे हल किए जा सकते हैं.मीडिया लड़ा रहा हैउधर पाकिस्तानी उर्दू अख़बारों में दैनिक 'औसाफ' ने नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव पर लिखा है कि सरहद के इस खेल में अभी तक तो कुछ कट्टरपंथी किस्म के राजनेता और आक्रामक तेवर रखने वाले फ़ौजी अफ़सर ही शामिल होते थे, लेकिन अब इस ख़तरनाक खेल में मीडिया भी अहम भूमिका अदा कर रहा है. मीडिया युद्धोन्माद फैला रहा है.
कराची समेत कई बड़े शहर को भारी बारिश और बाढ़ की मार झेलनी पड़ रही हैदैनिक 'वक्त' ने भारी बारिश और बाढ़ से पंजाब और सिंध प्रांतों के अलावा पाकिस्तान के सरहदी इलाकों में हुई हज़ारों एकड़ की फसल की बर्बादी और दर्जनों लोगों की मौत पर प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाया है. अख़बार लिखता है कि सरकारी विभागों की नींद तब खुलती है जब पानी सिर से ऊपर से गुज़र जाता है.बीते हफ़्ते इस्लामाबाद में एक नाटकीय घटनाक्रम को सभी अखबारों ने कवर किया जिसमें एक व्यक्ति दोनों हाथों में क्लाशनिकोव राइफलें लेकर शहर के व्यापारिक इलाके जिन्नाह एवेन्यू में पहुंच गया और उसने हवा में गोलियां चला कर दशहत फैला दी. सिकंदर की मांग थी कि देश में शरिया लागू हो.'जंग' लिखता है कि साढ़े पांच घंटे तक जब पुलिस उसे नही पकड़ सकी तो जमरूद खान नाम के एक राजनेता ने सिकंदर को जैसे तैसे पकड़वाया. हालांकि इस दौरान जमरूद खान को एक गोली लगी लेकिन वो अब ठीक हैं.ताश खेलते रहे ओबामादैनिक 'एक्सप्रेस' में खबर है कि जब पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को मारने का ऑपेरशन चल रहा था तो अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ताश खेल रहे थे.
ये बात ओबामा के पूर्व निजी सहायक रेगी लव ने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' को दिए इंटरव्यू में कही.