Bareilly : आला हजरत के तीन रोज उर्स-ए-रजवी की शुरुआत सैटरडे को परचम कुशाई की रस्म से हो गई. परचम कुशाई का जुलूस आजमनगर से शुरू हुआ. शाम को दरगाह के सज्जादानशीन हजरत मौलाना सुŽहान रजा खां उर्फ सुŽहानी मियां ने अपने दस्त-ए-मुबारक से उर्स स्थल इस्लामियां ग्राउंड पर परचम कुशाई की रस्म अदा की. पूरा ग्राउंड आला हजरत जिंदाबाद उर्स-ए-रजवी जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा. इससे पहले नमाज-ए-फज्र रजा मस्जिद में कुरानख्वानी हुई. दिन में नातो मनकवत का दौर चला. नमाज-ए-जोहर आजमनगर हाजी अल्लाह बख्श के निवास से परचमी जुलूस अल्हाज हसन रजा खां व सय्यद आसिफ मियां की कयादत में चला. इससे पहले यहां फातिहा और दुआ की गई. जुलूस अपने कदीमी रास्ते आजमनगर से कुमार टॉकीज इंदिरा मार्केट के रास्ते दरगाह पहुंचा. इस मौके पर देश-दुनिया से आए जायरीन ने मजार शरीफ पर चादरपोशी और गुलपोशी की.


दिया मुहŽबत का पैगामदरगाह-ए-आला हजरत के वली अहद व तहरीक-ए-तहाफ्फुज-ए-सुन्नियत (टीटीएस) के कुल हिंद सदर हजरत मौलाना अहसन रजा खां मिस्र से भेजे मैसेज में कहा कि आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी ने अपनी पूरी जिंदगी इस्लाम और सुन्नियत को फरोग देने में गुजार दी। अपने मुल्क और मिल्लत की ऐसी बेमिसाल खिदमत अंजाम दी कि आज बरेली का नाम देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में रोशन हो गया है।जत्थे में पहुंचे जायरीनउर्स के आगाज के साथ ही हजारों जायरीन इस्लामियां ग्राउंड, दरगाह और आसपास के हिस्सों में दस्तक दे चुके थे। शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरने वाले मार्गों पर जायरीन का काफिला देखा गया। सुबह से बसों और ट्रेनों से जायरीन उर्स में शिरकत करने पहुंचे चुके थे। इसके अलावा दूसरे देशों से आए अकीदतमंदो ने दरगाह में जियारत की।इस्लामियां ग्राउंड मेला में तŽदील
उर्स-ए-रजवी के मौके पर पूरा इस्लामियां ग्राउंड मेले में तŽदील हो गया। अलग-अलग स्टेट से पहुंचे दुकानदारों ने आला हजरत की लाइफ से जुड़ी अनगिनत बुक्स के साथ ही चादरपोशी के लिए चादर, टोपी, ताबीज, फूल, इत्र, बरेली की अलग-अलग क्वालिटी के सूरमा, पोस्टर, बैनर, झंडा, गुŽबारा, खिलौने की दुकानें सजाईं हैं। इसके अलावा खाने-पीने की दुकानें भी बड़ी संख्या में लगाई गई हैं।



मशहूर शायरों ने बांधा समां
उर्स-ए-रजवी के पहले दिन मनकबती मुशायरा भी हुआ। प्रो। मंसूर फरीदी ने लबे जिन्नों इंसाा शजर जानवर पर, रहेगा यूं ही उनका चर्चा रहेगा शेर पढ़ा तो मौलाना जिक्रउल्लाह ने बरेली से तो अजमते मुस्तफा का फरेरा जमाने में उड़ता रहेगा, वो महबूबे दावर है ताहश्र मक्की रहेगा, यूं ही उनका चर्चा रहेगा शेर पढ़ा। नवेद अख्तर तिलहरी ने पढ़ा कि सदा आ रही हैं यह काबे से सुन लो, रहेगा यूं ही उनका चर्चा रहेगा। खालिद नदीम बदायूनी ने पढ़ा कि मिलेगा न बख्शिश का परवाना जबतक, गुलाम उनके कदमों में बैठा रहेगा। इनके अलावा मशहूर शायर डा। अमन तिलियापुरी, फारूक मदनापुरी, नुरुल ऐन सीतामढ़ी, असजद जफर अकील, अजहर फारूकी आदि ने अपने कलाम पेश किए।इंटरनेशल कांफ्रेंस आज
ऑल इंडिया जमा रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव नाजिम बेग ने कहा है कि संडे को सीबीगंज स्थित मथुरापुर में मरकज जामिया तुर्रजा इस्लामिया पर बाद नमाज मगरिब इंटरनेशनल इमाम अहमद रजा कांफ्रेंस ऑर्गनाइज होगा। कांफ्रेंस की सरपरस्ती जानशीन मुफ्ती आजम हिंद अल्लामा अख्तर रजा खां अजहरी मियां करेंगे। नाजिम बेग ने बताया कि शिरकत करने वाले अकीदतमंदों के लिए सिटी स्टेशन पर एक कैंप लगाया जाएगा। जमात पर्सन्स मौलाना अकराम रजा खां, माजिद खां, खलील कादरी, दानिश रजा, चौधरी अनवार ऐवज, शाहिद रिजवी कैंप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाएंगे।जाम से जूझते रहे लोगसैटरडे सिटी पूरे दिन जाम से जूझती रही। रूट डाइवर्जन भी जाम को नहीं रोक सके। जुलूस के दौरान व्हीकल रेंगते नजर आए। कुछ लोगों ने जल्दबाजी में रास्ता चेंज करने की कोशिश की तो जाम और अधिक बढ़ गया। सबसे ज्यादा जाम की प्रॉŽलम चौकी चौराहा, सर्किट हाउस चौराहा, अयूब खां चौराहा, नावल्टी चौराहा, कुतुबखाना, चौपुला चौराहा व इसके आसपास के एरिया में रहा। इसके अलावा नावल्टी चौहारे पर कई बार जाम की स्थिति क्रिएट हो गई।नूरी मियां का सम्मानरजा एकेडमी मुंबई के राष्ट्रीय सचिव अल्हाज सईद नूरी ने उर्स स्थल इस्लायिमां ग्राउंड में सैटरडे को दोपहर अल्हाज हसन खां उर्फ नूरी यिमां को गुलपोशी कर अवार्ड से नवाजा। हाजी सईद नूरी ने कहा कि तस्लीम नसरीन ने हमेशा मजहब-ए-इस्लाम के खिलाफ लिखा। नूरी मियां ने कहा कि तस्लीमा नसरीन के मुफ्ती-ए-इकराम व उलेमा की तौहीन कर मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। हमें भारतीय कानून पर यकीन है और विश्वास है कि मुसलमानों को इंसाफ मिलेगा। इसके लिए चाहे हमें सुप्रीम कोर्ट ही  क्यों न जाना पड़े, जरूरत पडऩे पर हम जाएंगे।

Posted By: Inextlive