- उर्स ए हामिदी के पहले दिन जिलानी मियां हुआ कुल, देर रात तक जारी था तकरीरी इनामी मुकाबला

BAREILLY

उर्स ए हामिदी के पहले दिन का आगाज दरगाह आला हजरत की बुजुर्ग शख्सियत व दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान सुब्हानी मियां ने किया। मदरसा मन्जर ए इस्लाम से फारिग सभी 200 उलेमा को खत्म ए बुखारी शरीफ की महफिल में नसीहत करते हुए कहा कि मजहब ए इस्लाम और मसलक आला हजरत पर मजबूती से कायम रहें। मरकज से हासिल इल्म को पूरी दुनिया तक पहुचाएं। अपने इल्म की शमा को दुनिया भर में रौशन करें।

आला हजरत के पैगाम को करें आम

तिलावत ए कुरान के बाद महफिल का आगाज दरगाह परिसर में नातखवा हाजी गुलाम सुब्हानी ने हम्द ओ नात से किया। इसके बाद इंग्लैंड से आये अल्लामा मौलाना शेख मुनव्वर अतीक ने खुसूसी खिताब करते हुए कहा कि इस खानकाह का अहले सुन्नत पर अजीम अहसान है। मैं इस बारगाह को कुछ देने नही बल्कि यहां का फैजान हासिल करने आया हूं। हुज्जातुल इस्लाम मुफ्ती हामिद रजा खान के इल्म का लोहा अरब के उलेमा ने भी माना। अपनी दीनी और इल्मी खिदमात की वजह से पूरी दुनिया मे आपकी अलग पहचान बनी। यही वजह है कि आज आला हजरत के इल्म ज्ञान का डंका एशिया ही नही बल्कि यूरोप अमरिका और अफ्रीका में बज रहा है। मौलाना डॉ। एजाज अंजुम, मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी, शेखुल हदीस मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती सलीम नूरी ने भी तकरीर की।

55वें कुलशरीफ की रस्म अदा

दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि सुब्हानी मियां ने दुनिया भर में मसलक ए आला हजरत का काम कर रहे। मौलाना शेख मुनव्वर अतीक इंग्लैंड, मौलाना मोहसिन अली यूके, मौलाना फूल नेमत कादरी नेपाल, मौलाना नुरुल हुदा कादरी बिहार को खिलाफत से नवाजा साथ ही मदरसे की एजाजी सनद मानद उपाधि देकर दस्तार बन्दी की। सुबह 10:30 बजे मुफस्सिर आजम हजरत जिलानी मियां के 55 वें कुल शरीफ की रस्म अदा की गयी। फातिहा कारी रिजवान रजवी ने शजरा कारी अब्दुर्रहमान और दुआ मुफ्ती अनवर अली ने की। बाद नमाज ए ईशा आल इंडिया तहरीरी व तकरीरी इनामी मुकाबला मु्रफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती अय्यूब खान और मुफ्ती सय्यद शाकिर अली की निगरानी में शुरू हुआ जो देर रात तक चला।

आज होगा दीक्षांत समारोह

बाद नमाज ए फजर कुरान ख्वानी होगी, दिन में नात ओ मनकबत और रात 10:35 पर कुल हुज्जातुल इस्लाम। रात में दीक्षांत समारोह होगा, यह जानकारी नासिर कुरैशी ने दी।

Posted By: Inextlive