RANCHI:झारखंड में बने सुलभ इंटरनेशनल के आधे से ज्यादा टॉयलेट्स यूज नहीं हो रहे हैं। लोग उनका इस्तेमाल शौच के लिए नहीं करते। सिटी में भी बने 65 टॉयलेट में आधे से ज्यादा यूज नहीं हो रहे हैं और उनके रखरखाव में भारी समस्या आ रही है। ऐसे में राज्य में खुले में शौच से मुक्ति कैसे हो पाएगी। यह सवाल अब नगर विकास विभाग से लेकर कई आला अधिकारियों की नींद उड़ा रहा है। स्टेट में बने सुलभ इंटरनेशनल के 320 शौचालयों में मात्र 90 का ही इस्तेमाल हो रहा है, जबकि सिटी में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए 65 शौचालयों में 30 से अधिक नॉन यूजर हैं। इनमें विगत कई महीने से एक भी व्यक्ति न तो शौच करने गया है न ही शौचालय की जांच करने। इन शौचालयों के नान यूजर रह जाने के कारण राज्य भर के शौचालयों के मेंटेनेंस पर आफत आन पड़ी है। मात्र 90 शौचालयों की कमाई से 320 शौचालयों का रखरखाव किया जा रहा है। शौचालय बिना उपयोग के खाली पड़े हैं और उनके रखरखाव पर भी लाखों का खर्च बेकार जा रहा है, इतना ही नहीं, इसके बाद भी लगातार शौचालय निर्माण का खेल बदस्तूर जारी है।

मेंटेनेंस नहीं तो करो सरेंडर

इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अगर सुलभ शौचालय मेंटेनेंस नहीं कर सकते तो सरेंडर कर दें। सुलभ के साथ एग्रीमेंट के अनुसार 20 साल का एकरारनामा है, जिसपर काम चल रहा है।

बिना इस्तेमाल करोड़ो का खर्च बेकार

सरकार 12 हजार रुपए प्रति शौचालय के खर्च पर शौचालय बनवा रही है, जिनमें करोड़ों खर्च हो रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि लोग उन शौचालयों का उपयोग ही नहीं कर रहे। लोगों को शौच के प्रति जागरूक करने में सरकार और सरकारी विभाग पूरी तरह नाकाम है। खुले में शौच से मुक्त झारखंड के दावों की पोल खोलने वाली इस सूचना से हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन कोई अधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।

मंत्रीजी के मोबाइल टॉयलेट का क्या होगा

मंत्री अमर कुमार बाउरी ने मोबाइल शौचालय वैन का शुभारम्भ किया है। जिस स्टेट में लोग बने बनाए शौचालय का कई महीनों से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, वहां इन वाहनों में शौच कैसे करेंगे यह बड़ा सवाल जस का तस खड़ा है। मोबाइल वैन जल्दी नजर नहीं आ रही और करीब करीब वह भी नॉन यूजर ही हो चुकी है।

कई इलाकों की सड़कें बनी संडास

सिटी के कई इलाकों की सड़कें संडास बन गई हैं। शहर के बीचोबीच मोरहाबादी के हरिहर सिंह रोड में लोग रात होते ही खास कर महिलाएं सड़क किनारे शौच करती हैं। इसके अलावा एदलहातू, हात्मा, सरईटांड़, मिसीरगोंदा, कटहरकोचा समेत कई स्लम एरिया में लोग आज भी सड़कों पर शौच करते हैं।

वर्जन

मोहल्ला गंदा हो रहा है। लोग कबसे सड़क पर शौच कर रहे थे लेकिन आज तक यह बंद नहीं हो सका। मोरहाबादी में सुलभ शौचालय है मस्जिद गली के पास, लेकिन कोई वहां नहीं जाता है।

सौरभ सिंह, अधिवक्ता मोराबादी

सिटी के शौचालयों में कई का इस्तेमाल नहीं हो रहा है जिसको लेकर परेशानी तो हो ही रही है। लोगों में जागरुकता की कमी है और उनके लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया जाना चाहिए।

आनन्द शेखर, चेयरमैन, सुलभ इंटरनेशनल

Posted By: Inextlive