- चौथे दिन भी नहीं आए बच्चे के मां-बाप

- मामला नीकू में मासूम बच्चे को छोड़

PATNA CITY : एनएमसीएच में नवजात को छोड़कर भागे मां-बाप के मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। दरअसल एक ही हॉस्पीटल के दो अलग-अलग डिपार्टमेंट में लिखाया गया एड्रेस भी मैच नहीं कर रहा है, क्योंकि दोनों जगह अलग-अलग लिखाया गया है। एड्रेस के साथ ही बच्चे के फादर के नाम में भी गड़बड़ी पाई गई है। हालांकि दोनों जगहों पर मां का नाम रजनी देवी ही लिखा है। एनएमसीएच के गायनी डिपार्टमेंट के रजिस्टर पर रजनी के हसबैंड का नाम सूरज सिंह लिखा है, जबकि एनआईसीयू में डा। एके जायसवाल की यूनिट में फादर का नाम सूरज प्रसाद है। इसी तरह गायनी डिपार्टमेंट में लिखाया गया एड्रेस नकटा दियारा, माधोपुर, दीघा है, जबकि नीकू डिपार्टमेंट में लिखाया गया एड्रेस मट्ठा, दीघा है।

फेक मिला दोनों एड्रेस

आई नेक्स्ट की टीम ने मासूम बच्चे को जन्म देकर भागे मां-बाप द्वारा लिखाए गए एड्रेस की पड़ताल की। एनएमसीएच के गायनी और नीकू डिपार्टमेंट में लिखवाए गए दोनों एड्रेस फेक मिले। इसबारे में दीघा थाने की पुलिस से बात की गई। दीघा थाना के एसएचओ केके सिंह के अनुसार नकटा दियारा में न तो माधोपुर नाम की कोई जगह है और न ही दीघा में मट्ठा नाम का एरिया। इससे यह साफ हो गया कि लिखाए गए दोनों एड्रेस फर्जी हैं।

उठे कई सवाल

फेक एड्रेस मिलने के बाद अब कई सवाल उठने लगे हैं। इसमें सबसे बड़ा सवाल बच्चे के फ्यूचर और उसके पालन-पोषण का है। एनएमसीएच एडमिनिस्ट्रेशन बच्चे के फ्यूचर के लिए कौन सा कदम उठाएगा, ये देखने की चीज होगी। सवाल बच्चे को जन्म देने वाली मां और उसके हसबैंड को लेकर भी है। गलत नाम, फेक एड्रेस लिखाना और बच्चे को जन्म देने के दो दिन बाद चुपचाप फरार होने का कारण कहीं अवैध संबंध तो नहीं है? फिलहाल ये जांच का विषय है।

एडमिनिस्ट्रेशन ने झाड़ा पल्ला

शनिवार के एडिशन में आई नेक्स्ट ने प्रमुखता के साथ बच्चे के बारे में लिखा था। खबर पढ़ने के बाद कई लोग एनएमसीएच पहुंचे। नीकू डिपार्टमेंट में पहुंचकर लोगों ने बच्चे को एडॉप्ट करने की इच्छा जाहिर की। हालांकि इस बारे में एनएमसीएच एडमिनिस्ट्रेशन ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। एडमिनिस्ट्रेशन ने सारा कुछ पुलिस के ऊपर छोड़ दिया है।

पूरे मामले के बारे में मैंने पुलिस को लिख कर दे दिया है। जांच करना पुलिस का काम है। हमारा काम सिर्फ ट्रीटमेंट करना है। बच्चे के बारे में भी पुलिस को ही डिसीजन लेना है।

- डा। संतोष कुमार, सुपरिटेंडेंट, एनएमसीएच

Posted By: Inextlive