जीत लिया आसमान
The success mantra
उत्कर्ष ने बताया कि उन्हें पढ़ाई को लेकर फैमिली की ओर से पूरा सपोर्ट मिला। उन्होंने बताया कि इसलिए उनके ऊपर पढ़ाई को लेकर कोई बर्डन नहीं था। साथ ही वे शुरू से टाइम टेबिल बनाकर पढ़ाई करते थे। इसके तहत वे छह बजे उठकर पहले लर्निंग करते थे। उसके बाद ट्यूशन और स्कूल जाते थे। शाम को दो घंटे के लिए खेलने जाते थे। इसके बाद टयूशन फिर रात में स्टडी करते थे।
Mechanical is the first aim
ड्रीम कॅरियर के बारे में उत्कर्ष ने बताया कि उनका सपना एक ही है कि वह मैकेनिकल इंजीनियर बनकर देश की सेवा करे। जब उनसे पूछा गया कि टॉपर बनने के बाद कैसा फील हो रहा है, तो उनका जवाब था कि उनके ऐम का एक पड़ाव पूरा हो गया। पीसीएम स्ट्रीम वाले स्टूडेंट्स के लिए फिजिक्स और केमिस्ट्री सबसे ज्यादा टफ सब्जेक्ट होती है। लेकिन उत्कर्ष का सबसे फेवरिट सब्जेक्ट भी यही है। इसमें भी फिजिक्स से सबसे ज्यादा लगाव है। इसके चलते फिजिक्स में उन्हें 100 परसेंट माक्र्स मिले और केमिस्ट्री में 99 माक्र्स।
Xth में किया था top
बल्केश्वर के रहने वाले उत्कर्ष गुप्ता शुरुआत से मैरीटोरियस स्टूडेंट रहे। उत्कर्ष के अनुसार, ज्यादा माक्र्स अचीव करने का उनका ऐम कभी नहीं रहा। वे सिर्फ अपनी स्टडी पर कंसन्ट्रेट करते थे। टेंथ क्लास में उन्होंने ऐ प्लस ग्रेड लाकर इस बात को जता दिया।
आमतौर पर स्टूडेंट्स के बीच धारणा होती है 'टेन्थ इस हार्ड वार्क ईयर इलेविंथ इस रेस्ट ईयर। लेकिन उत्कर्ष इस बात से बिल्कुल सरोकार नहीं रखते। उत्कर्ष के अनुसार, इलेविंथ में ही हम अपने टारगेट सेट करने के लिए रास्ता बनाते हैं। वहीं, उनके डेडी संजय अग्र्रवाल और मदर संगीता अग्र्रवाल ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को पढऩे के लिए कभी नहीं टोका। संजय अग्रवाल के अनुसार, उनका बेटा स्टडी शेड्यूल के अकॉर्डिंग के अनुसार ही स्टडी करता था। उन्होंने बताया कि पेरेंट्स की बच्चों से ज्यादा एक्सपेक्टेशन होती है लेकिन उन्हें इसके लिए प्रेशराइज नहीं करना चाहिए।Schore of topperEnglish 95Meth 99Physics 95Chemistry 100Physical Education 98