उत्पन्ना एकादशी 2018 इस बार 3 दिसंबर को है इस व्रत को करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं।

मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी (3 दिसम्बर) को प्रातः स्नान आदि के पश्चात' ममाखिलपापक्षयपूर्वकश्रीपरमेश्वरप्रीतिकामनया मार्गशीर्षकृष्णैकादशीव्रतं करिष्ये।' यह संकल्प करके उपवास करें।

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा

कथा का सार यह है कि सतयुग में तालजंघ का पुत्र 'मुर' नाम का दानव था। वह महाबली और विलक्षण विद्वान था। उसने समय पाकर स्वर्ग के देवताओं को मार भगाया और उनके स्थान में नए देवता बनाकर स्वर्ग में स्थान दे दिया।

इससे स्वर्ग के देवताओं को बड़ा कष्ट हुआ, वे भगवान शिव जी के समीप गए और शिव जी ने उनको इसके निवारण के लिए भगवान विष्णु के पास भेज दिया। तब भगवान ने उनकी रक्षा का विधान किया।

अचानक भगवान के शरीर से एक रूपवती स्त्री उत्पन्न हुई। उसको देखकर मुर मोहित हो गया और उस सुन्दरी पर आक्रमण करने लगा, तब उसने मुर को मार डाला। यह देखकर भगवान ने उस स्त्री को वर दिया कि तू मेरे शरीर से उत्पन्न हुई है, अतः तेरा नाम 'उत्पन्ना' होगा और तू देवताओं का संकट निवारण करने में समर्थ है; अतएव जो तेरा व्रत करेंगे, उनकी अभीष्टसिद्धि होगी। इस वर को प्राप्त करके वह कन्या अलक्षित हो गई।

व्रत से मिलेंगे ये 'तीन रत्न'

कैटभ देश (काठियावाड़) के महादरिद्र सुदामा ने पत्नी के सहित 'उत्पन्ना एकादशी' का व्रत किया था। इससे वह सब दुखों से मुक्त होकर पुत्रवान, सुखी और धनवान बन गया। यह व्रत करने से व्यक्ति को पुत्र रत्न, धन और सुख की प्राप्ति होती है।

— ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र, शोध छात्र, ज्योतिष विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

भगवान विष्णु के 7 प्रसिद्ध मंदिर, जिनके दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

हर बृहस्पतिवार को इन मंत्रों से करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, बनेंगे बिगड़े काम


Posted By: Kartikeya Tiwari