सोनभद्र गोलीकांड : मृतकों के परिजनों से मिलकर सीएम ने जताया दुख, 18.5 लाख रुपये आर्थिक मदद का ऐलान
कानपुर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भूूमिविवाद में हुई गोलीबारी की घटना के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए रविवार को सोनभद्र पहुंचे। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीएम ने इस घटना में मारे गए लोगों के परिवार से व घायलों से मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के परिजनों ढांढस बंधाया साथ ही न्याय दिलाने की बात कही। सीएम ने कहा कि सरकार ने जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के सस्पेंड करने का आदेश दिया है। इसके अलावा उन्होंने मृतकों के परिजनों को 18.5 लाख रुपये और घायलों को 2.5 लाख रुपये आर्थिक राशि के रूप में देने का आदेश दिया है।
UP CM on Sonbhadra firing case: Govt has ordered to suspend police personnel responsible. Today I have ordered to provide compensation of Rs. 18.5 lakh to the bereaved families of the deceased&Rs. 2.5 lakh to the injured, from CM Relief Fund under SC/ST provisions. pic.twitter.com/wn1lIUFO7z
— ANI UP (@ANINewsUP)
सोनभद्र मामले में चार अधिकारी निलंबित कर दिए गए
बता दें कि सोनभद्र जिले के मुर्तिया गांव में 17 जुलाई को एक भूमि विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में लोग मारे गए और कई घायल हो गए थे। इस मामले प्रशासन से लेकर शासन तक को हिला कर रख दिया था। शुक्रवार को राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस घटना के सिलसिले में 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। सीएम का कहना था कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं राज्य सरकार ने प्रत्येक पीड़ित परिवार के लिए 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह सोनभद्र मामले में बोले, घड़ियालू आंसू बहा रहीं प्रियंका
परिजनों को 10-10 लाख रुपये आर्थिक मदद देने ऐलान
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कांग्रेस पार्टी की ओर से मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। वहीं प्रियंका ने राज्य सरकार से पीड़ितों को आर्थिक मदद राशि के रूप में 25 लाख रुपये देने का आग्रह किया। प्रियंका गांधी वाड्रा बीते शुक्रवार को सोनभद्र पहुंची थी।पीड़ित परिवारों से मिलने से रोके जाने पर प्रियंका बीच सड़क पर ही नारायणपुर में धरने पर बैठ गईं, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया और सरकारी गाड़ी में बैठाकर चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। हालांकि बाद में धरना समाप्त कर दिया और पीड़ितों से मिलने के बाद वह दिल्ली लौट आईं।