गृह विभाग ने उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा दी गयी रिपोर्ट के तमाम पहलुओं को विस्तार के साथ प्रस्तुत करने को कहा जिसके बाद इसे भी अंतिम रूप दिया जाता रहा।

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LUCKNOW : देवरिया कांड की जांच सीबीआई से कराने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद बुधवार को गृह विभाग हरकत में आ गया और निर्धारित प्रोफार्मा में इसे केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजने की कवायद में जुट गया। गृह विभाग ने उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा दी गयी रिपोर्ट के तमाम पहलुओं को विस्तार के साथ प्रस्तुत करने को कहा जिसके बाद इसे भी अंतिम रूप दिया जाता रहा। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि देर रात तक सीबीआई जांच की सिफारिश भेज दी जाएगी।
सीबीआई भी करती रही इंतजार
इस मामले को लेकर मचे हंगामे और सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद राजधानी स्थित सीबीआई के जोनल कार्यालय के अधिकारी भी राज्य सरकार की सिफारिश और हाईकोर्ट द्वारा दिए गये दिशा-निर्देशों का इंतजार करते रहे। सूत्रों की मानें तो इस बाबत आदेश मिलते ही नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय से केस दर्ज करने की अनुमति मांगी जाएगी। इसमें फिलहाल कोई रोड़ा भी नहीं बचा है क्योंकि हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि वह सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग खुद करेगा। साथ ही आगामी 13 अगस्त को सीबीआई को हाईकोर्ट में यह भी बताना है कि उसने इस मामले में अब तक क्या कार्यवाही की है।

शुक्रवार को देवरिया जाएगी एसआईटी

वहीं दूसरी ओर इस मामले की जांच को मुख्यमंत्री द्वारा गठित की गयी एसआईटी ने भी अपना होमवर्क शुरू कर दिया है। एसआईटी के मुखिया एडीजी क्राइम संजय सिंघल ने बताया कि इस मामले को लेकर एसपी देवरिया से प्रोग्रेस रिपोर्ट तलब की गयी है। इसका अध्ययन करने के बाद शुक्रवार को पूरी टीम देवरिया जाकर घटना से जुड़े दस्तावेजों का अध्ययन करेगी और पुलिस द्वारा जुटाए गये सुबूतों को सुरक्षित रखने को लेकर अहम दिशा-निर्देश देगी।
संस्थान नहीं दे रहा था सूची
वहीं दूसरी ओर देवरिया में एसपी रोहन पी। कनय ने मीडिया को बताया कि संस्थान में मिली 43 महिलाओं और बच्चों की सूची एक महीने पुरानी है। पुलिस छापे के दौरान संस्थान में 23 बच्चे मिले थे। तमाम लापता बच्चों का पता लगाया जा चुका है, केवल सात अन्य बच्चों की तस्दीक अभी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि डीएम द्वारा संस्थान से लगातार बच्चों की सूची मांगी जा रही थी जो उसने उपलब्ध नहीं कराई।
 
हरदोई में स्वाधार केंद्र सील, अधीक्षिका अरेस्ट
वहीं हरदोई में महिलाओं की संख्या में हेराफेरी करने वाली संस्था की अधीक्षिका आरती को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। डीएम के आदेश पर डीपीओ, तहसीलदार समेत टीम ने निरीक्षण कर अभिलेख कब्जे में लिये और गृह को सील कर दिया। ध्यान रहे कि बेनीगंज कस्बे में आयशा ग्रामोद्योग समिति लोहानी पिहानी की तरफ से निराश्रित महिलाओं को आश्रय देकर उन्हें रोजगार परक प्रशिक्षण देने के लिए केंद्र संचालित होता था। डीएम के निरीक्षण में खेल की पोल खुल गई। पहले दिन 21 की जगह दो महिलाएं मिलीं और फिर जांच हुई तो 32 महिलाएं पंजीकृत थीं और उनके नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा था।

चार जिलों की सीडब्ल्यूसी पर गाज

वहीं दूसरी ओर महिला एवं बाल विकास विभाग ने जानकारी दी कि तमाम गड़बडिय़ां सामने आने के बाद चार जिलों की बाल कल्याण समिति को हटाया जा चुका है। कासगंज के डीएम ने विगत 28 जून को इसे हटाने की संस्तुति की थी जिसके बाद 27 जुलाई को इसे हटा दिया गया था। इसी तरह बिजनौर के डीएम ने विगत दस मार्च को इसकी संस्तुति की थी जिसके बाद 28 मई को समिति को हटा दिया गया। गाजियाबाद के डीएम की संस्तुति पर 26 जुलाई और इटावा के डीएम की संस्तुति पर 18 दिसंबर को ही समिति की सदस्यता खत्म कर दी गयी थी।
डीएम रखें कड़ी नजर
वहीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने सभी डीएम को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने जिलों में संचालित बालिका, महिला व शिशु गृहों पर कड़ी नजर रखें। यदि जिले में कोई गृह बगैर अनुमति के संचालित किए जा रहे हों तो उन्हें तत्काल बंद कराएं। यही नहीं, इन गृहों में पारदर्शिता रखी जाए। यदि कोई अनुमति लेकर व्यवस्था देखना चाहे तो उसे न रोका जाए। उन्होंने देवरिया मामले में डीएम व एसपी से पूरी घटना की विस्तृत जांच आख्या व अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तत्काल भेजने के आदेश दिए हैं।

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Posted By: Mukul Kumar